लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों के लाभ के लिए एक अनूठी योजना प्रारंभ की है. इस योजना को ‘पराली के बदले गोवंश खाद’ नाम दिया गया है. सीएम योगी के नेतृत्व में शुरू किया गए इस अभियान का उद्देश्य पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के साथ-साथ किसानों को खाद देकर उनके कृषि उत्पादन में इजाफा करना है. यह अभियान पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रहा है.
प्रत्येक वर्ष फसलों की कटाई के बाद पराली जलाने की समस्या बढ़ जाती थी, जिससे वायु प्रदूषण गंभीर रूप से प्रभावित होता था. इसे रोकने के लिए योगी सरकार ने 28 अक्टूबर 2023 से ‘पराली के बदले गोवंश खाद’ अभियान शुरू किया. इस अभियान के दौरान, 2,90,208.16 कुंतल पराली एकत्रित की गई और इसके बदले में किसानों को 1,55,380.25 कुंतल गोवंश खाद वितरित की गई है. यह खाद जैविक खेती में उपयोग की जा रही है, जो मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने में मदद कर रही है.
इस अभियान में वाराणसी, बांदा, बदायूं, जालौन, बरेली, अमेठी, सिद्धार्थनगर और बहराइच जैसे जिलों ने उत्कृष्ट कार्य किया है. इन जिलों के किसानों ने बड़े पैमाने पर पराली एकत्रित की और गोवंश खाद का लाभ उठाया. इस पहल से निराश्रित गोवंश संरक्षण को भी बढ़ावा मिल रहा है, और गो-आश्रय स्थलों में एकत्रित गोवंश खाद अब किसानों तक पहुंचाई जा रही है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की इस पहल से न सिर्फ पर्यावरण को फायदा हो रहा है. बल्कि किसानों को जैविक खेती की ओर प्रेरित भी किया जा रहा है. इसके कारण रासायनिक खादों का उपयोग कम हो रहा है, जिससे भूमि की गुणवत्ता में सुधार हो रहा है. साथ ही किसानों की उत्पादन लागत भी घट रही है. इस अभियान से पर्यावरण संरक्षण, जैविक खेती और किसानों की समृद्धि को बढ़ावा मिल रहा है.
अभियान से लाभ
किसान पराली जलाने की बजाय उसे सरकार को सौंपकर पर्यावरण संरक्षण में योगदान दे रहे हैं. गोवंश खाद के रूप में किसानों को प्राकृतिक खाद मिल रही है, जो रासायनिक खादों के उपयोग को कम कर रही है. साथ ही भूमि की गुणवत्ता में सुधार भी कर रही है.
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योगी सरकार की यह पहल एक स्थायी समाधान के रूप में सामने आ रही है, जो किसानों, पर्यावरण और समाज के लिए लाभकारी है. यह अभियान न केवल पराली जलाने की समस्या का समाधान कर रहा है. बल्कि किसानों को जैविक खेती अपनाने के लिए भी प्रेरित कर रहा है. जिससे प्रदेश में हरित क्रांति की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया जा रहा है.