मुरादाबाद: 1980 के दंगों के बाद से बंद पड़े गौरी शंकर मंदिर के जीर्णोद्धार का काम अब शुरू हो गया है. नगर निगम द्वारा मंदिर के अंदर की सफाई, रंगाई-पोताई और मरम्मत का कार्य किया जा रहा है. मंदिर के आसपास के इलाकों में अतिक्रमण नहीं पाया गया है और स्थानीय लोग मंदिर को फिर से खोलने के पक्ष में हैं.
एसडीएम सदर राम मोहन मीणा के अनुसार, मंदिर के गर्भगृह से मलबा साफ कर दिया गया है. वर्तमान में खोदाई का काम चल रहा है. इसके अलावा, मंदिर में दो गेट हैं, जिनमें से एक खोल दिया गया है और दूसरे को खोलने की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी. नगर निगम द्वारा मंदिर के अंदर और बाहर आवश्यक कार्य किए जा रहे हैं.
खोदाई में गौरी शंकर परिवार की खंडित मूर्तियां और शिवलिंग मिले हैं. मंदिर की दीवारों पर हनुमान की मूर्तियां और नंदी की आकृतियां भी उकेरी गई हैं. मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए नगीना से मूर्तिकार बुलाए गए हैं.
1980 के दंगों में मंदिर के पुजारी भीमसेन की हत्या हो गई थी. पुजारी का शव तक बरामद नहीं हुआ था. उनके परपोते सेवा राम ने जिलाधिकारी से मिलकर मंदिर का ताला खुलवाने के लिए प्रार्थना पत्र दिया था, जिसके बाद प्रशासन ने मंदिर खोलने की कार्रवाई की थी. स्थानीय निवासियों का मानना है कि मंदिर का फिर से खुलना धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है. मंदिर के पुनर्निर्माण में सभी समुदायों का सहयोग मिल रहा है.
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गौरतलब है कि इस मंदिर को 1980 के बाद बंद कर दिया गया था. जब मंदिर और आस-पास के इलाकों में सांप्रदायिक दंगे भड़क गए थे. अब मंदिर के पुनर्निर्माण के साथ-साथ आसपास के माहौल में भी शांति और सौहार्द की उम्मीद जताई जा रही है.
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