वाराणसी: आज देश भर में सोमवती अमावस्या मनाई गई. इस अवसर पर भोलेनाथ की नगरी काशी में गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटी. लाखों श्रद्धालुओं ने पवित्र गंगा नदी में स्नान कर पुण्य लाभ अर्जित किया. श्रद्धालुओं ने ठंड और घने कोहरे की परवाह किए बिना प्राचीन घाटों पर पहुंचकर गंगा में डुबकी लगाई. इसके बाद उन्होंने पीपल के वृक्ष की परिक्रमा की और जल अर्पित किया. फिर शिवमंदिरों में दर्शन और पूजा-अर्चना की.
घाटों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़
सुबह से ही दशाश्वमेध घाट, शीतलाघाट, अहिल्याबाई घाट, मानमंदिर घाट, पंचगंगा घाट और अस्सी घाट पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने लगी. ठंड के बावजूद, श्रद्धालुओं ने गंगा में स्नान किया और जीवन के कष्टों को दूर करने के लिए पवित्र जल में डुबकी लगाई. सोमवती अमावस्या का दिन विशेष रूप से गंगा स्नान के लिए महत्व रखता है, क्योंकि इस दिन को पितरों के लिए पूजा अर्चना और श्राद्ध कार्यों के लिए भी शुभ माना जाता है.
पीपल वृक्ष की परिक्रमा कर किया जल अर्पण
गंगा स्नान के बाद, विशेष रूप से महिलाएं पीपल के पेड़ की परिक्रमा करती हैं और उसकी पूजा अर्चना करती हैं. पीपल के पेड़ के नीचे जल अर्पित करने की परंपरा है, जो जीवन में सुख-समृद्धि, शांति और मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है. काशी में इस दिन पीपल के पेड़ के नीचे महिलाओं की विशेष भीड़ देखी गई, जहां उन्होंने 108 परिक्रमा की और सूत लपेटकर अपनी इच्छाओं की पूर्ति की कामना की.
बाबा काशी विश्वनाथ के दर्शन और पूजन किया
श्रद्धालु बाबा श्रीकाशी विश्वनाथ के दर्शन-पूजन करने भी पहुंचे. साथ ही नगर के विभिन्न मोहल्लों में स्थित शिवमंदिरों में भी भक्तों की भारी भीड़ देखी गई. यहां श्रद्धालुओं ने महादेव की पूजा-अर्चना की और आशीर्वाद लिया. काशी में इस दिन विशेष पूजा का आयोजन किया गया, जिसमें हजारों लोग श्रद्धा भाव से शामिल हुए.
धार्मिक दृष्टि से महत्व
शिव आराधना समिति के संस्थापक डॉ मृदुल मिश्र ने बताया कि सोमवती अमावस्या का सनातन धर्म में विशेष महत्व है. उन्होंने बताया कि इस दिन गंगा स्नान से व्यक्ति को पुण्य की प्राप्ति होती है और जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं. यह दिन पितरों की पूजा के लिए भी खास होता है. पितरों के श्राद्ध कर्म से जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है. साथ ही, सोमवती अमावस्या पर पीपल की पूजा और 108 परिक्रमा करने से व्यक्ति की मनोकामनाएं पूरी होती हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है.
पुण्य लाभ की होती है प्राप्ति
सोमवती अमावस्या के अवसर पर काशी में लाखों श्रद्धालुओं ने मिलकर आस्था और भक्ति से गंगा स्नान किया और पीपल के पेड़ की परिक्रमा कर पुण्य लाभ प्राप्त किया. यह दिन न केवल पितरों की श्रद्धांजलि अर्पित करने का अवसर होता है, बल्कि व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक बदलाव और आंतरिक शांति की ओर भी प्रशस्त करता है.
यह भी पढ़ें: Year Ender 2024: इस वर्ष ये 2 मंदिर रहे पूरे विश्व में प्रचलित, जानिए इनसे जुड़ी कुछ खास बातें
शांति और समृद्धि की कामना
श्रद्धालुओं का मानना है कि सोमवती अमावस्या के दिन गंगा स्नान, पीपल की पूजा, शिव दर्शन से जीवन में सुख, समृद्धि और शांति का वास होता है. इस दिन किए गए धार्मिक कृत्य व्यक्ति को आशीर्वाद और दिव्य कृपा प्राप्त करने का मार्ग दिखाते हैं.