संभल: स्कंद पुराण में संभल में 68 तीर्थ होने का उल्लेख मिलता है. उन्हीं में से एक भद्रिका तीर्थ पर आज गुरुवार को ASI की टीम जांच करने पहुंची. यह तीर्थ पूरी तरह से खंडहर और गंदे नाले के तौर पर तब्दील हो चुका है. यहां एक चतुर्मुख कूप भी है, जो संभल के 19 कूपों में से एक माना जाता है. प्रशासन और ASI की टीम इस कूप का भी निरीक्षण कर रही है.
वर्तमान में भद्रिका तीर्थ में जमा गंदा पानी निकालने का काम जारी है. जैसे-जैसे तीर्थ से पानी निकालने का काम जारी है, वैसे-वैसे तीर्थ की दीवारें सामने आ रही हैं. जो देखने में प्राचीन प्रतीत होती हैं. योगी सरकार का प्रयास है कि संभल के प्राचीन तीर्थों और कूपों को पुनर्जीवित किया जाए. जिसके तहत बुधवार को ASI और प्रशासन की टीम ने फिरोजपुर किला, बावड़ियां और चोर कुआं का निरीक्षण किया था.
संभल के डीएम डॉ राजेंद्र पेंसिया ने कहा कि जिले का पौराणिक है. उन्होंने कहा कि संभल का इतिहास बहुत समृद्ध है, हम यहां के धार्मिक स्थलों को संरक्षित करके इसे तीर्थ नगरी में बदलने की योजना बना रहे हैं. इससे ना केवल स्थानीय लोगों को अपने धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहरों के बारे में जागरूक किया जाएगा, जिससे पर्यटन भी बढ़ेगा और रोजगार के अवसर उपन्न होंगे. उन्होंने कहा कि संभल के पौराणिक स्थलों को संरक्षित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे.
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सर्वेक्षण के दौरान मिला प्राचीन मृत्यु कूप
उल्लेखनीय है कि संभल में अब तक एएसआई के सर्वेक्षण में कई प्राचीन कुओं का अस्तित्व सामने आया है. इसी क्रम में आज गुरुवार को ASI की टीम ने सर्वेक्षण में मृत्यु कूप की खोज की है. जिसकी खुदाई चल रही है. इस कूप का जिक्र स्कंद पुराण में मिलता है.