प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश के DGP और सहारनपुर जिले के SSP को समन जारी कर 27 जनवरी को कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश दिया है. कोर्ट ने इसके साथ ही दोनों को हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है, जिसमें यह स्पष्ट करने को कहा है कि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के आदेशों का पालन क्यों नहीं किया.
यह मामला देहरादून के रहने वाले ध्रुव सेठी और उनकी पत्नी अलका से जुड़ा हुआ है. सेठी दंपति ने सहारनपुर में एक जमीन खरीदी थी, लेकिन वहां एक भू-माफिया ने स्थानीय पुलिस और राजस्व विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर उनकी जमीन पर कब्जा कर लिया. जब सेठी दंपति ने शिकायत की, तो भी कोई कार्रवाई नहीं की गई.
उल्टा भू-माफिया ने पुलिस से मिलीभगत कर सेठी दंपति के खिलाफ SC/ST एक्ट और IPC की गंभीर धाराओं में FIR दर्ज करा दी, जिसके बाद पुलिस ने उनके खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल कर दी. दंपति ने इस चार्जशीट को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी, जहां कोर्ट ने न केवल इसे रद्द किया, बल्कि अधिकारियों और भू-माफिया के गठजोड़ पर कड़ी टिप्पणी करते हुए जांच करने का आदेश दिया.
सुप्रीम कोर्ट ने भी किया था हस्तक्षेप
इसके बाद, सुप्रीम कोर्ट ने भी यूपी के DGP से हाईकोर्ट के आदेश का पालन करने के लिए कहा था. इसके बावजूद, छह महीने में कोई कार्रवाई नहीं हुई और भू-माफिया ने अधिकारियों की मदद से सेठी दंपति का घर बुलडोजर से गिरा दिया. आरोप है कि इस घटना के कारण अलका सेठी के गर्भ में पल रहे बच्चे की मौत हो गई.
अवमानना याचिका पर कोर्ट ने दिया आदेश
इस पूरे घटनाक्रम के बाद, सेठी दंपति की तरफ से अवमानना याचिका दायर की गई. सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने DGP और SSP के रवैये पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की और उन्हें 27 जनवरी को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है. इस मामले में सेठी दंपति की ओर से वकील डॉ. अवनीश त्रिपाठी और डॉ. आस्था मिश्रा ने दलीलें पेश कीं.
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