रामपुर: जिले के बसपा नेता सुरेंद्र नागर को मायावती ने अनुशासनहीनता के आरोप में पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है. बसपा सुप्रीमो ने यह कदम तब उठाया गया, जब नागर ने अपने बेटे की शादी समाजवादी पार्टी के विधायक त्रिभुवन दत्त की बेटी से की. त्रिभुवन दत्त पहले बसपा में थे, लेकिन अब सपा में शामिल हो चुके हैं. कहा जा रहा है कि इस विवाह को लेकर मायावती खासा नाराज थीं.
सुरेंद्र नागर पांच बार रामपुर से बसपा जिला अध्यक्ष रह चुके हैं, उन पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया गया है. इसके अलावा, रामपुर के जिला अध्यक्ष प्रमोद सागर को भी उनके पद से हटा दिया गया है. उनके स्थान पर अब ज्ञान प्रकाश बौद्ध को नया जिला अध्यक्ष नियुक्त किया गया है.
हालांकि, सुरेंद्र नागर ने अपने ऊपर लगाए गए आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उन्होंने किसी भी प्रकार की अनुशासनहीनता नहीं की. उन्होंने यह भी बताया कि उनके बेटे की शादी में सपा प्रमुख अखिलेश यादव भी शामिल हुए थे. नागर के साथ उनकी तस्वीरें वायरल हुई थीं.
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नागर पहले ही 2022 में मिलक विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ चुके हैं. इसके अलावा वह बसपा सरकार में राज्य मंत्री भी रहे हैं. मायावती ने इससे पहले भी पार्टी के कई नेताओं को अनुशासनहीनता के कारण बाहर का रास्ता दिखाया था, जैसे कि मुनकाद अली के बेटे की शादी में शामिल होने पर पूर्व मंडल प्रभारी प्रशांत गौतम को पार्टी से निष्कासित किया था. बसपा की इस कड़ी कार्रवाई के बाद राजनीतिक हलकों में चर्चाएं तेज हो गई हैं.