सीतापुर: बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार और इस्कॉन के संत चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के विरोध में आज सीतापुर में विभिन्न हिन्दू संगठनों ने एकजुट होकर विरोध प्रदर्शन किया. इन संगठनों ने ‘बांग्लादेशी हिन्दू रक्षा संघर्ष समिति’ के बैनर तले सभा आयोजित की और इसके बाद कलेक्ट्रेट पहुंचकर जिलाधिकारी को राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन सौंपा.
विरोध प्रदर्शन और सभा में उभरा गुस्सा
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार, हिन्दू समाज के विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ता सीतापुर के लालबाग शहीद पार्क में एकत्रित हुए. सभा में वक्ताओं ने बांग्लादेश में हिन्दू समुदाय के खिलाफ हो रहे कि अत्याचारों की कड़ी निंदा करते हुए जमकर नारेबाजी की. इस अवसर पर नैमिषारण्य से आए स्वामी विद्यानंद सरस्वती ने कहा कि आज बांग्लादेश में हिन्दुओं को मारा जा रहा है, मन्दिरों को तोड़ा जा रहा है और हिंदू महिलाओं की सुरक्षा खतरे में है. उन्होंने यह भी बताया कि 1971 में बांग्लादेश के निर्माण के समय हिंदू आबादी लगभग 20 प्रतिशत थी, जो 2022 तक घटकर महज 1 प्रतिशत रह गई है.
स्वामी विद्यानंद ने बांग्लादेश में हो रहे लगातार उत्पीड़न और धार्मिक स्थलों पर हमलों को चिंताजनक बताते हुए यह सवाल उठाया कि जिन हिंदू भाइयों ने बांग्लादेश के निर्माण के समय मुस्लिम समुदाय के लोगों की मदद की थी, आज वही समुदाय हिन्दुओं पर अत्याचार कर रहा है. साध्वी मुमक्षा देवी ने अपने संबोधन में कहा कि हिंदू न कभी सोया था, न सो रहा है और न सोएगा. अब समय आ गया है कि हम एकजुट होकर इन अत्याचारों का विरोध करें. उन्होंने हिंदू समाज से आह्वान किया कि वह अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करें और एकजुट रहें.
हिंदू शेर सेना के विकास हिन्दू का बयान
हिंदू शेर सेना के विकास हिंदू ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि यदि बांग्लादेश में हिंदू बहनों को तलवारबाजी सिखाई जाती तो यह स्थिति उत्पन्न नहीं होती. उन्होंने सभी हिंदू परिवारों से अपील की कि वे अपनी बहन-बेटियों को आत्मरक्षा के लिए हथियारबाजी सिखाएं.
सभा के बाद हाथों में तख्तियां लेकर प्रदर्शनकारी बांग्लादेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए विरोध मार्च करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे. वहां जिलाधिकारी को राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन सौंपा गया, जिसमें बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की गई.
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ज्ञापन में प्रमुख मांगें
ज्ञापन में बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर इस्लामी कट्टरपंथियों द्वारा हो रहे हमले, हत्या, लूट, आगजनी और महिलाओं पर अत्याचारों के विरोध में भारत सरकार से तत्काल कदम उठाने की मांग की गई है. साथ ही, स्वामी चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी को अन्यायपूर्ण बताते हुए उनके रिहाई की भी मांग की गई है. ज्ञापन में कहा गया है कि बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों को सुरक्षा प्रदान की जाए और उनके धार्मिक स्थलों की रक्षा की जाए.