जॉर्जटाउन: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्राजील से गुयाना पहुंचे, जहां उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया. गुयाना के राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद इरफान अली और उनके कैबिनेट के कई मंत्रियों ने हवाई पट्टी पर पीएम मोदी का स्वागत किया. इस दौरान यह भी जानकारी मिली कि गुयाना और बारबाडोस पीएम मोदी को अपने सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित करेंगे. इसके साथ ही, डोमिनिका ने भी कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री मोदी को अपने सर्वोच्च पुरस्कार की घोषणा की थी. अब तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 19 अंतरराष्ट्रीय सम्मान मिल चुके हैं.
गुयाना और बारबाडोस का सर्वोच्च सम्मान
गुयाना प्रधानमंत्री मोदी को अपना सर्वोच्च पुरस्कार ‘द ऑर्डर ऑफ एक्सीलेंस’ प्रदान करेगा. जबकि बारबाडोस उन्हें ‘मानद ऑर्डर ऑफ फ्रीडम’ से सम्मानित करेगा. डोमिनिका ने हाल ही में पीएम मोदी को ‘डोमिनिका अवार्ड ऑफ ऑनर’ देने का निर्णय लिया था. इन पुरस्कारों से प्रधानमंत्री मोदी की वैश्विक कूटनीतिक सफलता और भारत की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ती प्रतिष्ठा स्पष्ट रूप से दिखती है.
प्रधानमंत्री मोदी गुयाना में राष्ट्रपति इरफान अली के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे और भारत-कैरीकॉम (कैरेबियन समुदाय) शिखर सम्मेलन में अपनी भागीदारी दर्ज करेंगे. इस दौरान, वे जलवायु परिवर्तन, गरीबी उन्मूलन और सतत विकास जैसे मुद्दों पर भारत के योगदान को साझा करेंगे. पीएम मोदी ने पहले कहा था कि भारत और गुयाना के रिश्ते केवल द्विपक्षीय नहीं, बल्कि वैश्विक सहयोग के प्रतीक हैं. हम सतत विकास और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों पर साझा अनुभव और विशेषज्ञता साझा करने के लिए तैयार हैं.
भारत-कैरीकॉम शिखर सम्मेलन और वैश्विक सहयोग
पीएम मोदी अपनी यात्रा के दौरान भारत-कैरीकॉम शिखर सम्मेलन की सह-अध्यक्षता करेंगे, जिसमें 14 कैरेबियाई देशों के नेता शामिल होंगे. यह सम्मेलन भारत और कैरीकॉम देशों के बीच सहयोग को और मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण अवसर होगा. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह शिखर सम्मेलन विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह भारत और इन देशों के बीच ऊर्जा, व्यापार और तकनीकी सहयोग को बढ़ावा देने में मदद करेगा.
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प्रधानमंत्री मोदी की वैश्विक कूटनीति
प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में जी20 शिखर सम्मेलन में भी सक्रिय भागीदारी निभाई, जहां उन्होंने भूख और गरीबी उन्मूलन तथा सतत विकास पर भारत की सफलताओं को उजागर किया. इसके अलावा, पीएम मोदी ने कई द्विपक्षीय बैठकें कीं, जिनमें ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर के साथ मुक्त व्यापार समझौते पर चर्चा और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीस के साथ भारत-ऑस्ट्रेलिया अक्षय ऊर्जा साझेदारी की शुरुआत प्रमुख थीं.