Guru Nanak Jayanti 2024; गुरु नानक देव जी का आज 555वां प्रकाश वर्ष मनाया जा रहा है. वह सिक्ख धर्म के संस्थापक गुरु हैं. गुरु नानक देव जी का जन्म 15 अप्रैल, 1469 ई. को राय भोई की तलवंडी (ननकाणा साहिब), जिला शेखुपुर में हुआ था. वर्तमान समय में ननकाणा साहिब पाकिस्तान में स्थित है. गुरु नानक देव जी की सगाई 16 वर्ष की आयु में 1485 ई. में विवाह 1487 ई. को 18 वर्ष की आयु में बटाला नगर के निवासी मूल चन्द की पुत्री सुलखणी से हुआ. गुरु जी के पुत्र चन्द और लखमी चन्द का जन्म हुआ. किन्तु विवाह के बाद भी गुरु जी के कार्य-व्यवहार में कोई परिवर्तन नहीं हुआ.
गुरु नानक देव जी के पिता कालू जी के पास अपनी कुछ जमीन थी. किन्तु वह खेती करने की अपेक्षा पटवारी के काम की ओर अधिक ध्यान देते थे. वह खेती का काम अधिकतर अन्य किसानों से ही करवाते थे. गुरु नानक जी भी अपने खेतों में आते जाते रहते थे. एक दिन वह भैंसें चराने के लिए गए. वहां पहुंच कर नाम-सिमरन में लीन हो गए. नानक देव जी वृक्ष की ठंडी छाया में लेट गए और उन्हें नींद आ गई.
भैंसें समीप ही किसी किसान के खेत में चली गईं. किसान खेतों में चक्कर लगाने आया तो उसने पशुओं को फसल तबाह करते देखा. तभी किसान गुरु जी को पकड़ कर राय बुलार (तलवंडी के शासक) के पास ले गया. जाते-जाते गुरू जी ने प्रेममयी दृष्टि से खेतों की ओर देखा. खेत का भाग्य जाग उठा. किसान के कहने पर राय बुलार ने फसल देखने के लिए किसी को भेजा. देखा तो खेत में किसी तरह का कोई नुकसान नहीं हुआ था.
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कहा जाता है कि तभी से राय बुलार गुरु नानक देव जी के भक्त हो गए. उनकी नानक देव के प्रति श्रद्धा बढ़ती चली गई. राय बुलार ने गुरु जी के पिता से कहा कि आप का बेटा महान है. धन्य हो जिसने इतने महान पुत्र को जन्म दिया है. राय बुलार की जीवन भर गुरु नानक देव जी के प्रति अपार श्रद्धा रही.