नई दिल्ली: लोक संगीत की प्रसिद्ध गायिका और ‘बिहार कोकिला’ के नाम से जानी जाने वाली शारदा सिन्हा का मंगलवार को निधन हो गया. 72 वर्षीय शारदा सिन्हा का निधन दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में हुआ, जहां वे पिछले 11 दिनों से इलाज करा रही थीं. पद्मभूषण से सम्मानित शारदा सिन्हा का स्वास्थ्य पिछले कुछ दिनों से खराब था और उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था.
#WATCH | Delhi: Mortal remains of folk singer, Sharda Sinha being taken from AIIMS where she died on Tuesday
Her last rites will take place in Patna. pic.twitter.com/YsVZnDfIwX
— ANI (@ANI) November 5, 2024
शारदा सिन्हा का अंतिम संस्कार पटना में किया जाएगा. उनकी पार्थिव देह आज इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से पटना भेजा गया है, पटना में परिजनों और उनके चाहने वालों की उपस्थिति में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.
प्रधानमंत्री मोदी ने किया शोक संदेश जारी
सुप्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। उनके गाए मैथिली और भोजपुरी के लोकगीत पिछले कई दशकों से बेहद लोकप्रिय रहे हैं। आस्था के महापर्व छठ से जुड़े उनके सुमधुर गीतों की गूंज भी सदैव बनी रहेगी। उनका जाना संगीत जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। शोक की इस… pic.twitter.com/sOaLvUOnrW
— Narendra Modi (@narendramodi) November 5, 2024
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शारदा सिन्हा के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए सोशल मीडिया पर लिखा, “लोक संगीत की शान, शारदा सिन्हा जी के निधन से बहुत दुख हुआ. उनके गाए मैथिली और भोजपुरी लोकगीत दशकों तक लोगों के दिलों में गूंजते रहेंगे. खासकर छठ पूजा से जुड़े उनके गीत हमेशा याद किए जाएंगे. संगीत जगत ने एक अनमोल रत्न खो दिया है. इस कठिन घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और चाहने वालों के साथ हैं. ओम शांति!”
CM योगी ने भी व्यक्त किया शोक
प्रख्यात लोक गायिका, पद्म भूषण डॉ. शारदा सिन्हा जी का निधन अत्यंत दुःखद व संपूर्ण संगीत जगत के लिए अपूरणीय क्षति है।
उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि!
उन्होंने अपने उत्कृष्ट पारंपरिक गायन के माध्यम से मैथिली, भोजपुरी सहित अनेक लोक भाषाओं और लोक संस्कृति की सेवा की तथा राष्ट्रीय पटल पर…
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) November 5, 2024
उत्तर प्रदेश के CM योगी आदित्यनाथ ने शारदा सिन्हा के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि शारदा सिन्हा ने अपनी गायकी से मैथिली, भोजपुरी और अन्य लोक भाषाओं के संगीत को न सिर्फ संरक्षित किया बल्कि उसे राष्ट्रीय मंच तक पहुंचाया. मुख्यमंत्री ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए लिखा, “उनकी गायकी ने लोक संगीत को एक नई दिशा दी. उनके निधन से संगीत जगत को अपूरणीय क्षति हुई है.” साथ ही, उन्होंने प्रभु श्रीराम से दिवंगत आत्मा को शांति और उनके परिवार को इस दुख को सहन करने की शक्ति देने की प्रार्थना की.
परिवार ने दी जानकारी, शारदा सिन्हा के बेटे ने किया अपील
शारदा सिन्हा के बेटे अंशुमान सिन्हा ने सोशल मीडिया पर अपनी मां के निधन की जानकारी दी और लिखा कि छठी मईया ने अपनी मां को अपने पास बुला लिया है. उन्होंने अपने परिवार और प्रशंसकों से अपील की कि वे शारदा सिन्हा के लिए दुआ करें. इससे पहले, शारदा सिन्हा के स्वास्थ्य की स्थिति गंभीर होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके बेटे से फोन पर बात की थी और उनका हाल-चाल लिया था.
#WATCH | Delhi: On the demise of famous folk singer Sharda Sinha, her son Anshuman Sinha says, “We have decided that the last rites of my mother (Sharda Sinha) will take place at the same place where my father’s last rite was performed…Therefore we will take her mortal remains… pic.twitter.com/OpKoSkkSeJ
— ANI (@ANI) November 5, 2024
AIIMAIIMS में इलाज के दौरान बिगड़ी तबीयत
लोकगायिका शारदा सिन्हा को 26 अक्टूबर को अचानक तबीयत बिगड़ने के बाद AIMMS दिल्ली में भर्ती कराया गया था. उनकी हालत लगातार नाजुक होती गई और 4 नवंबर को उन्हें आईसीयू में शिफ्ट किया गया था. बताया जा रहा है कि वे मल्टिपल मायलोमा (ब्लड कैंसर) से जूझ रही थीं, जो 2018 से उनकी सेहत को प्रभावित कर रहा था. उनके इलाज के दौरान उन्हें शारीरिक कमजोरी के कारण कठिनाई हो रही थी और सोमवार को उनके बेटे ने लोगों से लाइव आकर मां के लिए प्रार्थना करने की अपील की थी.
पति के निधन के बाद गहरे शोक में थीं शारदा सिन्हा
कुछ ही समय पहले, 22 सितंबर को शारदा सिन्हा के पति, बृजकिशोर सिन्हा का ब्रेन हेमरेज से निधन हो गया था, जिसके बाद वे शोक में डूबी हुई थीं. ये शोक उनके स्वास्थ्य पर भी असर डाल रहा था. शारदा सिन्हा के निधन से उनका परिवार और प्रशंसक वर्ग गहरे सदमे में हैं.
#WATCH | Delhi: Noted folk singer, Sharda Sinha passed away at AIIMS Delhi where she was admitted for treatment.
BJP MP Manoj Tiwari reached AIIMS hospital
(Video Source: Manoj Tiwari office) pic.twitter.com/YchisBjBrH
— ANI (@ANI) November 5, 2024
शारदा सिन्हा का योगदान और करियर
शारदा सिन्हा का जन्म 1953 में बिहार के सुपौल जिले के हुलास गांव में हुआ था. उनके पिता सुखदेव ठाकुर, जो बिहार सरकार में अधिकारी थे. उन्होंने शारदा में गायकी के गुण पहचाने और उन्हें संगीत की शिक्षा दिलवाने का निर्णय लिया. शारदा सिन्हा ने सुगम संगीत की विभिन्न विधाओं में गायन किया, लेकिन लोक संगीत में उनकी विशेष पहचान बनी. उन्होंने बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश की संस्कृति को अपनी गायकी के माध्यम से राष्ट्रीय स्तर पर प्रस्तुत किया.
शारदा सिन्हा की गायकी में खासकर छठ पूजा के गीतों की अनूठी प्रस्तुति ने उन्हें ‘बिहार कोकिला’ के नाम से एक विशेष पहचान दिलाई. उनकी आवाज में विशेष मिठास और भक्तिमय स्वर था, जो उन्हें अन्य गायिकाओं से अलग करता था. 2018 में उन्हें पद्मभूषण से सम्मानित किया गया था.
लोक संगीत में अमिट योगदान
शारदा सिन्हा ने 1970 के दशक में गायकी के क्षेत्र में कदम रखा था और भोजपुरी, मैथिली और हिंदी लोकगीतों से अपनी पहचान बनाई. उनकी आवाज में वह खासियत थी जो आज भी लोगों के दिलों में बसी हुई है. उनके गाए हुए गाने छठ पूजा, त्योहारों और पारंपरिक अनुष्ठानों का अभिन्न हिस्सा बन गए हैं. उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में भी योगदान दिया, जैसे कि फिल्म हम आपके हैं कौन में ‘बाबुल’ गाना गाया था, जो आज भी भारतीय विवाहों का एक अभिन्न हिस्सा है.
निधन पर सांस्कृतिक समुदाय में शोक
शारदा सिन्हा के निधन ने संगीत और लोक कला के क्षेत्र में गहरी छाप छोड़ी है. उनके परिवार और फैंस के लिए यह एक अपूरणीय क्षति है. वे संगीत की देवी की तरह हमेशा हमारे दिलों में जीवित रहेंगी और उनकी गायकी का योगदान आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचता रहेगा.
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