कनाडा में हिंदू मंदिरों और हिंदुओं पर हो रहे खालिस्तीन हमलों की चर्चा दुनिया भर में है. वहां रहने वाले हिंदू इन घटनाओं के खिलाफ एकजुट होकर सड़कों पर उतर आए हैं. वहीं, कनाडा और विश्व के अन्य देशों में हो रहे हिंदुओं के उत्पीड़न से दुखी होकर आंध्र प्रदेश के डिप्टी सीएम व दक्षिण भारतीय सिनेमा के स्टार पवन कल्याण ने चिंता जाहिर की है. उन्होंने कहा कि हिंदू वैश्विक अल्पसंख्यक हैं, दुनिया के कई देशों में हिंदुओं पर हो रहा अत्याचार मुझे बहुत दुखी करता है.
पवन कल्याण ने अपने ऑफिशियल एक्स हैंडल पर एक लंबी पोस्ट लिखी है. इस पोस्ट में उन्होंने दुनिया भर में हिंदुओं पर हो अत्याचार को लेकर चिंता जाहिर की है. पवन ने लिखा कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान और हाल ही में बांग्लादेश जैसे देशों में हमारे हिंदू भाइयों और बहनों का उत्पीड़न, हिंसा और अकल्पनीय पीड़ा सहते हुए देखकर मुझे बहुत दुख होता है. हिंदू एक वैश्विक अल्पसंख्यक हैं और इस लिए उन पर कम ध्यान दिया जाता है, कम एकजुटता होती है और उन्हें आसानी से निशाना बनाया जाता है.
It pains me deeply to see our Hindu brothers and sisters enduring persecution, violence, and unimaginable suffering in places like Pakistan, Afghanistan, and recently, Bangladesh. Hindus are a global minority, and as such, they receive little attention, little solidarity, and are…
— Pawan Kalyan (@PawanKalyan) November 4, 2024
पवन ने आगे लिखा कि हिंदुओं के खिलाफ नफरत और दुर्व्यवहार की हर घटना उन सभी के लिए एक झटका है जो मानवता और शांति को महत्व देते हैं. कनाडा में एक हिंदू मंदिर और हिंदुओं पर हो रहे हमले दिल पर आघात करता है. यह पीड़ा और चिंता दोनों पैदा करता है. मुझे उम्मीद है कि कनाडाई सरकार वहां के हिंदू समुदाय के लिए एक सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करने के लिए तत्काल, निर्णायक कदम उठाएगी.
डिप्टी सीएम पवन कल्याण ने कहा कि कनाडा की घटना एक अलग प्रकार की घटना है. विभिन्न देशों में, हिंदुओं के खिलाफ हिंसा और लक्षित घृणा की घटनाएं जारी हैं, फिर भी वैश्विक नेताओं, अंतरराष्ट्रीय संगठनों और तथाकथित ‘शांतिप्रिय’ सामाजिक संगठनों की चुप्पी बहरा कर देने वाली है. सवाल पूछते हुए पवन कल्याण ने अपनी पोस्ट में लिखा कि कहां हैं आक्रोश की आवाजें? हिंदुओं के लिए एकजुटता कहां है? इस अन्याय का मुकाबला करने के लिए हमें अकेला क्यों छोड़ दिया गया है?
यह केवल करुणा की याचना नहीं है बल्कि कार्रवाई का आह्वान है. दुनिया से हिंदुओं की पीड़ा को उसी तत्परता और प्रतिबद्धता के साथ समझना आवश्यक है, जो अन्य धर्मों के लोगों के प्रति रहती है. मानवता सिर्फ चयनात्मक दुख को बदाश्त नहीं कर सकती है. हम कहीं भी और किसी भी समुदाय के उत्पीड़न के खिलाफ, अटूट संकल्प के साथ एकजुट हों.
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बता दें कि रविवार को खालिस्तानियों ने कनाडा के ब्रैम्पटन में स्थित एक हिंदू मंदिर में घुसकर लाठी-डंडों से भक्तों की पिटाई की थी. जिसके बाद कनाडा के हिंन्दुओं मे एकजुटता दिखते हुए सड़कों पर उतर कर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. मामला बढ़ता देख कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने घटना में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही है. हालांकि कनाडा में हिंदू मंदिरों और हिंदुओं को निशाना बनाने की यह पहली घटना नहीं है, इसके पहले भी इस प्रकार की कई घटनाएं सामने आ चुकी है.