मास्को: रूस ने टेक दिग्गज गूगल पर 20 डेसिलियन डॉलर (जो कि दुनिया की पूरी GDP का 620 गुना है) का भारी जुर्माना लगाया है. यह जुर्माना गूगल की मूल कंपनी अल्फाबेट के स्वामित्व वाले यूट्यूब पर लगाया गया है, क्योंकि प्लेटफॉर्म ने यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद रूसी सरकारी मीडिया चैनलों को यूट्यूब पर ब्लॉक किया था.
रूसी अदालत ने फैसला सुनाया कि गूगल ने यूट्यूब पर राज्य समर्थित मीडिया चैनलों को ब्लॉक करके राष्ट्रीय प्रसारण नियमों का उल्लंघन किया है. कोर्ट ने गूगल को इन चैनलों को बहाल करने का आदेश दिया है और यदि वह नौ महीने में अनुपालन नहीं करता है, तो जुर्माना हर दिन दोगुना हो जाएगा. 20 डेसिलियन डॉलर (2 के बाद 34 ज़ीरो) की यह राशि किसी भी उचित वित्तीय पैमाने से कहीं अधिक है और पूरी वैश्विक अर्थव्यवस्था से कई गुना बड़ी है.
रूस में गूगल के खिलाफ मामला मार्च 2022 से जुड़ा है, जब यूट्यूब ने RT और स्पुतनिक जैसे कई रूसी राज्य संचालित चैनलों पर ग्लोबल बैन की घोषणा की थी. प्लेटफॉर्म ने हिंसक घटनाओं को नकारने और महत्वहीन बनाने वाली सामग्री पर प्रतिबंध लगाने की अपनी नीति का हवाला देते हुए यह कदम उठाया. इस निर्णय के तहत यूट्यूब ने 1,000 से अधिक चैनल और 15,000 से अधिक वीडियो को हटा दिया.
इसके बाद, रूस ने गूगल पर कार्रवाई की और इस कदम को अपने राज्य प्रायोजित मीडिया पर सेंसरशिप और दमन के रूप में देखा. 2022 में गूगल को रूस में दिवालिया घोषित कर दिया, लेकिन इसके बावजूद गूगल की सर्च इंजन और यूट्यूब जैसी सेवाएं अभी भी रूस में उपलब्ध हैं. वहीं, रूस ने एक्स और फेसबुक पर प्रतिबंध लगा दिया है पर गूगल पर ऐसा कोई प्रतिबंध अब तक नहीं लगाया गया है.
यह मामला नया नहीं है. इससे पहले 2020 में भी गूगल पर जुर्माना लगाया गया था, जब उसने रूस के प्रमुख राज्य-संबद्ध मीडिया आउटलेट्स, जारग्रेड और आरआईए फैन को ब्लॉक किया था. उस समय गूगल पर 100,000 रूबल (लगभग $1,028) का दैनिक जुर्माना लगाया गया था.