लखनऊ: दिवाली के बाद उत्तर प्रदेश के कई जिलों में प्रदूषण स्तर में खतरनाक वृद्धि देखने को मिली है. ये बढ़ोत्तरी दिल्ली में भी हुई है. आतिशबाजी के कारण वायु गुणवत्ता में भारी गिरावट आई है, जिससे नागरिकों को सांस लेने में मुश्किलें बढ़ गई हैं. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, शुक्रवार सुबह 6 बजे दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 359 दर्ज किया गया, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है.
सीपीसीबी की रिपोर्ट के मुताबिक, विभिन्न स्थानों पर AQI स्तर चिंताजनक रूप से बढ़ा है. दिल्ली के नेहरू नगर, पटपड़गंज, अशोक विहार और ओखला में AQI का स्तर 350 से 400 के बीच रहा, जबकि पीएम 2.5 का स्तर कई जगहों पर तय सीमा से कई गुना अधिक हो गया है. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में भी प्रदूषण की स्थिति गंभीर बनी हुई है, जहां नोएडा, गाजियाबाद और गुरुग्राम में AQI क्रमशः 293 (खराब श्रेणी), 316 और 348 (बहुत खराब श्रेणी) है.
दिल्ली सरकार ने 14 अक्टूबर को पटाखों के उत्पादन, भंडारण, बिक्री और उपयोग पर 1 जनवरी 2025 तक के लिए प्रतिबंध लगाया था, फिर भी दिवाली पर जमकर आतिशबाजी हुई, जिससे वायु गुणवत्ता में और गिरावट आई.
उत्तर प्रदेश के शहरों में भी प्रदूषण का संकट
दिल्ली के अलावा, उत्तर प्रदेश के कई शहरों में प्रदूषण की स्थिति और भी खराब है। संभल में AQI 423, मुरादाबाद में 414, रामपुर में 407, सहारनपुर में 387 और बदायूं में 383 दर्ज किया गया है. ये शहर प्रदूषण के मामले में शीर्ष पर हैं, जहां हर तरफ धुएं के बादल छाए हुए हैं.
उत्तर प्रदेश के विभिन्न शहरों में भी वायु गुणवत्ता की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है. मेरठ में 326, हापुड़ में 312, बुलंदशहर में 286 और कानपुर में 210 दर्ज किया गया है.
इसके अलावा, सुबह 9 बजे तक झांसी में AQI 179, बागपत में 274, बरेली में 203, फिरोजाबाद में 228, गोरखपुर में 265, और ग्रेटर नोएडा में 278 रहा.
दिल्ली, जो अक्सर प्रदूषित शहरों की सूची में शीर्ष पर होती है, इस बार टॉप 10 में शामिल नहीं है, लेकिन इसकी हवा की गुणवत्ता भी चिंताजनक बनी हुई है.
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