आज मंगलवार को सऊदी अरब में सात लोगों को एक साथ फांसी की सजा दी गई है. इनमें से 5 लोगों को मादक पदार्थों की तस्करी के आरोप में सजा सुनाई गई है, जबकि अन्य 2 को विभिन्न मामलों में मौत की सजा दी गई. आधिकारिक सऊदी प्रेस एजेंसी (एसपीए) ने इस घटनाक्रम की जानकारी साझा की है.
सऊदी अरब सरकार ने जिन 7 व्यक्तियों को फांसी की सजा दी है, उनमें एक पाकिस्तानी नागरिक भी शामिल है. साथ ही दो सऊदी नागरिक और 4 यमन नागरिक हैं. सऊदी सरकार के आंतरिक मंत्रालय के अनुसार, 4 यमन नागरिक में याह्या लुत्फुल्लाह, अली अजीब, अहमद अली और सलेम नाहारी को हशीश (नशीला पदार्थ) की तस्करी के के मामले में दोषी पाए दाने पर दक्षिणी प्रांत असीर में फांसी दी गई. साथ ही मादक पदार्थ की तस्करी के मामले में दोषी पाए गए एक पाकिस्तानी नागरिक को भी फांसी की सजा दी गई है.
इस साल 2024 में अब तक सऊदी अरब में 236 लोगों को मौत की सजा दी जा चुकी है. जिनमें से 71 को मादक पदार्थों की तस्करी से जुड़े दोषी हैं. सऊदी अरब ने विशेष रूप से एम्फैटेमिन दवा कैप्टागन के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है, जो मुख्य रूप से सीरिया और लेबनान से आती है. क्योंकि पिछले कुछ सालों में इस ड्रग्स की सप्लाई सउदी अरब में तेजी के साथ बढ़ी है.
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एमनेस्टी इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार, सऊदी अरब फांसी देने वाले देशों में शीर्ष पर है. 2023 में, चीन और ईरान के बाद सऊदी दुनिया में फांसी देने के मामले में तीसरे नंबर पर रहा था. उल्लेखनीय है कि इस्लामिक राष्ट्र सउदी अरब में अपराध को लेकर कड़े सजा के प्रावधान हैं.