अयोध्या; रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद इस बार अयोध्या में पहला दीपोत्सव मनाया जा रहा है. इस बार अयोध्य की दीपावली काफी भव्य और दिव्य होगी. इस के लिए प्रशासन ने सभी तरह की लगभग तैयारियां पूर्ण कर ली हैं. इस बार अयोध्या नगरी तो लाखों दीपों से रोशन होगी ही, साथ ही श्रीराम जन्मभूमि पर बने भव्य मंदिर की दीपावली भी यादगार होगी. तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है. इस वर्ष सरयू तट पर 25 से 28 लाख दीपक प्रज्वलित कर विश्व रिकॉर्ड बनाने की योजना योगी सरकार की है.
बात दें कि दीपावली में इस बार सरयू नदी के घाटों पर 1100 लोग एक साथ आरती में शामिल होंगे. वहीं दीपावली के दिन ड्रोन शो का भी आयोजन किया जाएगा. साथ ही श्रीराम मंदिर को आकर्षक फूलों से सजाने की तैयारियां चल रही हैं. मंदिर परिसर को कई खंडों व उपखंडों में विभाजित कर सजावट का दायित्व सौंपा गया है. सजावट की तैयारी पूरी होने के बाद श्रद्धालु मनोहारी फूलों और दीपों से सजे मंदिर का दिव्य दर्शन कर सकेंगे.
#WATCH | Uttar Pradesh | Ramayan is being narrated through a sound-light show as the laser show begins at Ram ki Paidi, Naya Ghat, in Ayodhya. pic.twitter.com/x3PaDvapea
— ANI (@ANI) October 28, 2024
विशेष दीपों से पर्यावरण संरक्षण का भी रखा जाएग ध्यान
इस दीपोत्सव में पर्यावरण संरक्षण का भी विशेष ध्यान रखा गया है. मंदिर भवन के ढांचे को धुएं की कालिख से बचाने के लिए विशेष मोम के दीपक तैयार किए गए हैं. जिनसे कार्बन उत्सर्जन न्यूनतम होगा. मंदिर ट्रस्ट का प्रयास है कि इस दीपावली में अयोध्या न केवल धर्म और आस्था का केंद्र बने बल्कि स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण का भी संपूर्ण संसार को संदेश दे.
#WATCH | Uttar Pradesh | Shri Ram Janmbhoomi Temple, in Ayodhya, lit with colourful lights ahead of Deepotsav, scheduled to be on October 30. pic.twitter.com/XCytbLp4Rx
— ANI (@ANI) October 28, 2024
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रात 12 बजे तक श्रद्धालु कर सकेंगे भवन के दर्शन
दीपोत्सव की भव्यता को श्रद्धालुओं के लिए अविस्मरणीय बनाने के लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने मंदिर को 29 अक्टूबर यानि की आज से 1 नवंबर रात 12 बजे तक बाहर से भवन दर्शन के लिए खुला रखने का निर्णय लिया गया है. गेट संख्या चार बी (लगेज स्कैनर प्वाइंट) से श्रद्धालु आधी रात तक मंदिर की भव्य सजावट का आनंद ले सकेंगे. यह दीपोत्सव न केवल आस्था बल्कि पर्यावरण और सौंदर्य का भी संदेश देगा. जिससे आयोध्य की दीपावली विश्वभर में विशेष स्थान बनाएगी.