लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी में कारोबारी मोहित पांडेय की पुलिस हिरासत में मौत के मामले में अब मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए गए हैं. इस संबंध में ACP विभूति खंड ने DM को पत्र लिखा था, जिसे मंजूरी मिल गई है. अब ADM स्तर के अधिकारी इस मामले की जांच करेंगे.
इससे पहले बीते दिन CM योगी आदित्यनाथ ने मोहित के परिवार से मुलाकात की और उन्हें 10 लाख रुपये मुआवजा, आवास, बच्चों की निशुल्क शिक्षा और सरकारी योजनाओं का लाभ देने का निर्देश दिया.
बता दें, 30 वर्षीय मोहित पांडेय को पुलिस ने शनिवार को हिरासत में लिया था, लॉकअप में उसकी तबीयत बिगड़ गई और इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. परिजनों ने आरोप लगाया है कि पुलिस द्वारा उनकी पीट-पीटकर हत्या की गई है.
इस मामले में चिनहट थाने के इंस्पेक्टर अश्विनी चतुर्वेदी को निलंबित किया गया है और इसके बाद दो अन्य इंस्पेक्टरों का तबादला भी किया गया. चिनहट थाने में अतिरिक्त इंस्पेक्टर प्रकाश सिंह को आशियाना थाने में भेजा गया है, जबकि इंस्पेक्टर आनंद भूषण बेलदार को गोमती नगर विस्तार थाने का जिम्मा सौंपा गया है. इसके अलावा, आशियाना में तैनात सब इंस्पेक्टर सफातउल्लाह खान को अब चिनहट का सीनियर सब इंस्पेक्टर बनाया गया है.
चिनहट कोतवाली में तीन इंस्पेक्टर्स की तैनाती के बावजूद मोहित पांडेय की मौत के बाद लखनऊ पुलिस में यह नया बदलाव देखने को मिला है. इंस्पेक्टर अश्विनी चतुर्वेदी के निलंबन के बाद सब इंस्पेक्टर भरत पाठक को चिनहट कोतवाली की जिम्मेदारी सौंपी गई है, जबकि सफातउल्लाह खान को SSI चिनहट का पद दिया गया है.
वहीं इस मामले में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर तंज कसते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा कि काश मुआवजे में जीवन भी लौटाया जा सकता. समाजवादी पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने भी मोहित के परिजनों से मिलकर एक लाख रुपये की सहायता दी.
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