लखनऊ: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी को सीट न दिए जाने से नाखुश अखिलेश यादव ने महाविकास अघाड़ी (MVA) को चेतावनी दी है. उनका कहना है कि राजनीति में त्याग की कोई जगह नहीं है. अगर सपा को उचित सीटें नहीं मिलतीं, तो पार्टी उन क्षेत्रों में चुनाव लड़ेगी जहां उसका संगठन मजबूत है.
राजनीति में त्याग की कोई जगह नहीं है: @yadavakhilesh
महाराष्ट्र में समाजवादी पार्टी को सीटें नहीं मिलने पर अखिलेश यादव बोले- “जो हमें इग्नोर कर रहे हैं उनसे पूछो, राजनीति में त्याग की कोई जगह नहीं है। अगर हमें गठबंधन में सीटें नहीं मिल रही है तो समाजवादी पार्टी अकेले उन्हीं… pic.twitter.com/z7iFQMZO27
— आदित्य तिवारी / Aditya Tiwari (@aditytiwarilive) October 27, 2024
अखिलेश यादव के बयान के बाद, सपा के महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष अबू आजमी ने भी कहा कि पार्टी नहीं चाहती कि सेक्युलर वोटों का बंटवारा हो. सपा गठबंधन के साथ चुनाव लड़ने की उम्मीद कर रही है, लेकिन यदि MVA ने सपा को नजरअंदाज किया, तो वह खुद चुनावी मैदान में उतरने के लिए तैयार है.
बता दें, महाराष्ट्र विधानसभा की 288 सीटों पर चुनाव 20 नवंबर को होंगे और नतीजे 23 नवंबर को आएंगे. महाविकास अघाड़ी में कांग्रेस, शिवसेना (UBT) और NCP (शरद पवार) गुट शामिल हैं, जबकि महायुति में BJP, शिवसेना (शिंदे गुट) और NCP (अजित गुट) शामिल हैं.
MVA में सीट बंटवारे का फॉर्मूला तय; कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी को मिलीं 85-85 सीटें
वहीं, खबर है कि सपा से किनारा करते हुए महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी (MVA) ने सीट शेयरिंग के फॉर्मूले पर सहमति बना ली है. कांग्रेस, शिवसेना (UBT) और NCP (शरद पवार) ने मिलकर 270 सीटों के बंटवारे पर समझौता किया है, जिसमें से 255 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए जाएंगे. सूहर पार्टी को 85 सीटें दी गई हैं, जबकि 18 सीटें सहयोगी दलों के लिए निर्धारित की गई हैं.
हालांकि, 15 सीटों पर अब भी असमंजस बना हुआ है. इसपर सही निर्णय का उद्देश्य विपक्षी वोटों के बिखराव को रोकना है. MVA की बैठक में शिवसेना के संजय राउत, NCP के जयंत पाटिल और कांग्रेस के नाना पटोले ने साझा प्रेस वार्ता में बंटवारे की जानकारी दी.
साथ ही, शिवसेना (यूबीटी) ने पहले ही अपने 65 उम्मीदवारों की सूची जारी की है, जिसमें विभिन्न सीटों पर उनके प्रत्याशियों के नाम शामिल हैं. हालांकि, इस सूची को लेकर कुछ गलतियों की शिकायत आई है, जिसे सुधारने का आश्वासन दिया गया है.
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