नई दिल्ली; प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज मंगलवार की सुबह 7 बजे BRICS समिट में भाग लेने रूस रवाना हो गए हैं. BRICS समिट 2024 का आयोजन रूस के प्रसिद्ध शहर कजान में हो रहा है. पीएम मोदी रूस में 2 दिनों कर रहेंगे. उल्लेखनीय है कि 4 महीनों के भीतर पीएम मोदी का यह दूसरा रूस दौरा है. इसके पहले वह जुलाई में रूस दौरे पर पहुंचे थे. तब उन्हें 9 जुलाई को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने स्वयं अपने हाथों से रूस के सर्वोच्च सम्मान ‘ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल’ से सम्मानित किया था.
#WATCH प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस की अध्यक्षता में कज़ान में आयोजित 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए दिल्ली से रूस के लिए रवाना हुए।
प्रधानमंत्री के ब्रिक्स सदस्य देशों के अपने समकक्षों के साथ द्विपक्षीय बैठकें करने की भी उम्मीद है।
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— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 22, 2024
पीएम मोदी के दो दिवसीय रूस दौरे को लेकर विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी है. विदेश मंत्रालय के अनुसार, पीएम मोदी बुधवार को BRICS समिट में हिस्सा लेंगे. BRICS समिट दो सेशन में आयोजित होगा, पहले सत्र में BRICS के सभी सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्ष बंद कमरे में बैठक कर आगामी योजनाओं पर चर्चा करेंगे. फिर दूसरा सत्र शाम को आयोजित होगा. इसमें ओपन प्लेनरी बैठक होगी, जिसमें राष्ट्रप्रमुख एक दूसरे के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे. इस दौरान PM मोदी भी अपने प्रतिनिधिमंडल के साथ कई राष्ट्रप्रमुखों के साथ बैठक करेंगे.
पीएम मोदी रूस दौरे पर इन कार्यक्रमों में होंगे शामिल
आज शाम को पीएम मोदी रूस पहुंचेंगे. जिसके बाद वह BRICS नेताओं के साथ रात्रिभोज कार्यक्रम में शामिल होंगे. इस दौरान वह रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन व अन्य वैश्विक नेताओं के साथ अनौपचारिक रूप से बातचीत भी करेंगे. जिसके बाद बुधवार को पीएम मोदी BRICS समिट में भाग लेंगे. माना जा रहा है कि रूस दौरे के क्रम में पीएम मोदी चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात कर सकते हैं. इस दौरान दोनों नेताओ के बीच कुछ अहम बिन्दुओं पर बातचीत हो सकती हैं. उल्लेखनीय है कि आखिरी बार पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिगपिंग की मुलाकात 2022 में इंडोनेशिया के बाली में आयोजित G20 शिखर सम्मेलन में हुई थी. अब यदि BRICS समिट 2024 में पीएम मोदी और शी जिगपिंग के बीच वार्ता होती है, तो यह अवसर दो सालों बाद आएगा.
2006 में ब्रिक्स की हुई थी शुरुआत
BRICS की नींव 2006 में यूएन में पड़ी थी. यहां ब्राजील, भारत, रूस और चीन के विदेश मंत्री मिले थे. तब इस संगठन का नाम ‘BRIC’ था. इसके बाद इन चारों देशों का पहला BRIC सम्मेलन 2009 में रूस में आयोजित हुआ. 2010 में साउथ अफ्रीका औपचारिक रूप से BRIC सम्मेलन में शामिल हुआ, जिसके बाद BRIC का नाम ‘BRICS’ पड़ा. 2023 में 6 अन्य देश (अर्जेंटीना, सउदी अरब, ईरान, मिस्त्र, इथियोपिया और यूएई) को ‘BRICS’ समिट में शामिल होने का निमंत्रण भेजा गया. हालांकि, अर्जेंटीना में सत्ता परिवर्तन के बाद तब की नव निर्वाचित सरकार ने BRICS समिट में शामिल होने से मना कर दिया. 2024 में ईरान, मिस्र और इथियोपिया और संयुक्त अरब अमीरात ने BRICS की देशों की सदस्यता ग्रहण की. हालांकि अभी सऊदी अरब BRICS देशों की सूची में नहीं शामिल हुआ है. लेकिन माना जा रहा है कि सऊदी अरब सरकार सदस्यता लेने के बारे में विचार कर रही है.
कब और कहां हुआ BRICS समिट का आयोजन
ब्रिक्स देशों की पहली बैठक 16 जून 2009 को रूस के येकातेरिनबर्ग शहर में हुई थी. इसके बाद 15 अप्रैल 2010 को ब्राजील के ब्रासीलिया शहर, 14 अप्रैल 2011 को चीन के सान्या शहर, 29 मार्च 2012 को भारत की राजधानी नई दिल्ली में, 26-27 मार्च 2013 को साउथ अफ्रीका के डर्बन में, 14-17 जुलाई 2014 को ब्राजील के फोर्टालेजा में ब्रिक्स देशों की बैठक का आयोजन हुआ. इसके बाद 8-9 जुलाई 2015 को रूस के युफा शहर, 15-16 अक्टूबर 2016 को भारत के गोवा में, 3-5 सितंबर 2017 को चीन के जियामेन शहर, 25-27 जुलाई 2018 को साउथ अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में, 13-14 नवंबर 2019 को ब्राजील की राजधानी ब्रासीलिया में BRICS समिट का आयोजन हुआ.
17 नवंबर 2020 को यह बैठक रूस में होनी थी, लेकिन कोरोना महामारी के चलते ब्रिक्स समिट का आयोजन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित हुआ. इसी प्रकार 9 सितंबर 2021 को भी भारत की मेजबानी में ब्रिक्स समिट का आयोजन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आयोजित हुआ. 23 जून 2022 को चीन की मेजबानी में भी बैठक का आयोजन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुआ. हालांकि, कोरोना महामारी के बाद परिस्थिति बदली, जिसके बाद 22-24 अगस्त 2023 को BRICS समिट का आयोजन साउथ अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में आयोजित हुआ. अबकी बार ब्रिक्स समिट का आयोजन 22-24 अक्टूबर 2024 को रूस के कजान शहर में हो रहा है.
46 नए देशों ने ब्रिक्स से जुड़ने की जताई इच्छा
ब्रिक्स संगठन की नींव 20 सितंबर 2006 को अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर नें पड़ी. संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक के दौरान रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन के प्रयासों से पहली बार रूस, चीन, भारत और ब्राजील के विदेश मंत्रियों की बैठक हुई. दिसंबर 2010 में दक्षिण अफ्रीका भी BRIC में शामिल हुआ, जिसके बाद संगठन का नाम BRIC से BRICS हो गया. वर्तमान में BRICS में 9 देश शामिल हो गए हैं. साथ ही अफ्रीका द्वीप के 17, दक्षिण अमेरिका द्वीप के 7, एशिया के 19 और यूरोप के 3 देशों ने ब्रिक्स से जुड़ने की इच्छा जताई है. प्रकार से कुल 46 नए देश ब्रिक्स से जुड़ना चाहते हैं.
विश्व व्यापार में ब्रिक्स देशों की ताकत
BRICS देशों की ताकत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि दुनिया की 46%, आबादी इन्हीं देशों में रहती है. जबकि दुनिया के जीडीपी का कुल हिस्सा 29% है, वहीं वस्तु व्यापार में कुल हिस्सा 22% इन्हीं देशों का है. रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने पिछले सप्ताह ब्रिक्स देशों के बिजनेस फोरम में कहा कि BRICS प्लस देशों की GDP 60 लाख करोड़ डॉलर के भी आंकड़े को पार कर गई है.