लखनऊ: साइबर अपराधियों द्वारा डिजिटल ठगी की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं. हालिया मामले उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ और कानपुर से सामने आए हैं. अलीगढ़ में जालसाजों ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का अधिकारी बनकर AMU की एक रिटायर्ड महिला प्रोफेसर कमर जहां से 75 लाख रुपये से अधिक की ठगी की. पुलिस ने बताया कि 11 अक्टूबर को प्रोफेसर ने साइबर अपराध थाने में शिकायत दर्ज कराई. जांच के दौरान यह पता चला कि ठगी की गई रकम 21 अलग-अलग बैंक खातों में भेजी गई थी. लेकिन पुलिस के हस्तक्षेप से 13 लाख रुपये का लेन-देन रोका जा सका. साइबर थाने के निरीक्षक वीडी पांडेय ने कहा कि जालसाजों ने प्रोफेसर को 10 दिन तक ‘डिजिटल अरेस्ट’ में रखा और उन्हें धन शोधन के मामलों में शामिल होने की धमकी देकर पैसे देने के लिए मजबूर किया.
पहले रिटायर्ड सब इंस्पेक्टर के बेटे को धमकाया, फिर पिता को डराकर ठगा
वहीं, कानपुर में भी एक समान घटना हुई. जहां ठगों ने डिजिटल अरेस्ट के जरिए एक रिटायर्ड सब इंस्पेक्टर के बेटे को धमकाया. उन्होंने पहले बेटे से संपर्क किया और कहा कि उसे तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. फिर पिता को फोन करके कहा गया कि उन्हें 50,000 रुपये तुरंत भेजने होंगे, अन्यथा बेटे को जेल भेज दिया जाएगा. इस दबाव में आकर पिता ने दो अलग-अलग खातों में 50,000 रुपये भेज दिए. जब उन्हें सच्चाई का पता चला, तब बहुत देर हो चुकी थी. पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और पीड़ित की शिकायत पर कार्रवाई कर रही है.
पीछे से आ रही थी आवाज; ‘पापा, बचा लीजिए नहीं तो ये लोग हमें जेल भेज देंगे’
घटना कानपुर के थाना जाजमऊ क्षेत्र के दुर्गा विहार ताड़ बगिया में रहने वाले कुलदीप के साथ घटित हुई. पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है. पीड़ित रिटायर्ड सब इंस्पेक्टर हैं. कुलदीप के पिता अवधेश ने पुलिस को जानकारी दी कि बातचीत के दौरान साइबर ठग की कॉल के साथ बैकग्राउंड में एक आवाज लगातार सुनाई दे रही थी, जो उनके बेटे की आवाज से मेल खा रही थी. उस आवाज में कहा जा रहा था कि “पापा, बचा लीजिए नहीं तो ये लोग हमें जेल भेज देंगे.”
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