नागपुर: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने नागपुर में आयोजित विजयादशमी उत्सव के दौरान उपस्थित स्वयंसेवकों को संबोधित किया. विजयादशमी के अवसर पर नागपुर के राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ मुख्यालय में शस्त्र पूजा के दौरान संघ प्रमुख मोहन भागवत ने बांग्लादेश, कोलकाता में ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ हुए जघन्य अपराध, देश में बढ़ती हिंसक घटनाओं, इजराइल-हमास युद्ध और जुलूसों पर पथराव जैसे मुद्दों पर बात की.
मोहन भागवत ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों को रोकने के लिए न सिर्फ भारत, बल्कि पूरी दुनिया से मदद की आवश्यकता है. उन्होंने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में प्रशिक्षु डॉक्टर के रेप और मर्डर को समाज की सबसे शर्मनाक घटना बताया.
संघ प्रमुख ने कहा, आज के दिन संघ अपने कार्य के सौ वर्ष में प्रवेश कर रहा है, जो विशेष है क्योंकि यह महारानी दुर्गावती, महारानी होल्कर और महर्षि दयानंद की 200वीं जयंती का भी वर्ष है. इनका योगदान देश, समाज और संस्कृति के हित में महत्वपूर्ण है.
उन्होंने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमले को लेकर भी बात राखी. उन्होंने कहा बांग्लादेश में चर्चा है कि उसे भारत से खतरा है, जिससे वह पाकिस्तान का साथ देने को मजबूर है. भागवत ने कहा कि यह बांग्लादेश को सोचना होगा कि वहां क्या हो रहा है और उन्होंने हिंदुओं पर हो रहे हमलों की निंदा की. उन्होंने बांग्लादेशी हिंदुओं के लिए वैश्विक मदद की आवश्यकता पर भी जोर दिया.
संघ मुख्यालय में स्वयं सेवकों को संबोधित करते हुए उन्होंने देश में बढ़ती हिंसक घटनाओं पर भी चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि देश में कट्टरपंथ को उकसाने वाली घटनाएं बढ़ रही हैं. असंतोष का विरोध प्रजातांत्रिक तरीके से होना चाहिए, न कि हिंसा के माध्यम से. मोहन भागवत ने कहा कि यह घटना समाज को कलंकित करती है. उन्होंने कहा कि कुछ लोग अपराधियों को संरक्षण दे रहे हैं, जो राजनीति और अपसंस्कृति का गठबंधन है.
संघ प्रमुख भागवत ने बताया धर्म को केवल धार्मिक पहचान नहीं है, बल्कि भारत का प्राण है. उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म सार्वभौमिक और सनातन है.
इस दौरान संघ प्रमुख ने मोहन भागवत ने इजराइल और हमास के बीच चल रहे युद्ध पर चिंता जताते हुए कहा कि यह संघर्ष मानवता पर क्या प्रभाव डालेगा, इसे लेकर सभी चिंतित हैं.
ये भी पढ़ें: देशभर में दशहरे का धूम; रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दार्जिलिंग के सुकना कैंट में की शस्त्र पूजा