नई दिल्ली: भारत इस वर्ष 8 अक्टूबर से विशाखापट्टनम में क्वाड देशों के बीच होने वाले समुद्री अभ्यास मालाबार की मेजबानी करेगा. ये क्वाड देशों के बीच होने वाले समुद्री अभ्यास का 28वां संस्करण होगा. इस महत्वपूर्ण अभ्यास में अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान की नौसेनाएं हिस्सा लेंगी. अभ्यास की शुरुआत विशाखापट्टनम में बंदरगाह चरण से होगी, जिसके बाद समुद्र में इसका दूसरा चरण आयोजित किया जाएगा. यह अभ्यास दो चरणों में 18 अक्टूबर तक चलेगा और हिंद महासागर तथा भारत-प्रशांत क्षेत्र की साझा समुद्री चुनौतियों का समाधान करने पर केंद्रित होगा.
मालाबार अभ्यास की शुरुआत 1992 में भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय नौसेना अभ्यास के रूप में हुई थी, जो अब एक प्रमुख बहुपक्षीय कार्यक्रम के रूप में विकसित हो चुका है. इसका उद्देश्य आपसी समझ को बढ़ाना और अंतर-संचालन में सुधार करना है. भारतीय नौसेना इस अभ्यास में गाइडेड मिसाइल विध्वंसक, बहुउद्देश्यीय फ्रिगेट, पनडुब्बी, फिक्स्ड विंग एमआर, लड़ाकू विमान और हेलीकॉप्टर सहित विभिन्न प्लेटफॉर्म्स को तैनात करेगी.
ऑस्ट्रेलिया अपने एन्ज़ैक क्लास फ्रिगेट HMAS स्टुअर्ट, MH-60R हेलीकॉप्टर और P-8 समुद्री गश्ती विमान के साथ शामिल होगा. अमेरिकी नौसेना एक आर्ले बर्क-क्लास विध्वंसक USS डेवी, इंटीग्रल हेलीकॉप्टर और P-8 समुद्री गश्ती विमान के साथ भाग लेगी. जापान इस अभ्यास में मुरासामे-क्लास विध्वंसक जेएस अरियाके के साथ हिस्सा लेगा. चारों देशों के विशेष बल भी इस अभ्यास का हिस्सा होंगे.
अभ्यास के दौरान पनडुब्बी रोधी युद्ध, सतह युद्ध और वायु रक्षा अभ्यास जैसे जटिल समुद्री अभियानों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. इसके साथ ही समुद्री क्षेत्र में स्थितिजन्य जागरूकता में सुधार करने के उद्देश्य से कई गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा. बंदरगाह चरण के दौरान 09 अक्टूबर को एक विशिष्ट आगंतुक दिवस भी आयोजित किया जाएगा, जिसमें चारों देशों के प्रतिनिधिमंडलों की मेजबानी पूर्वी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ वाइस एडमिरल राजेश पेंढारकर करेंगे. इस वर्ष का मालाबार अभ्यास अब तक का सबसे व्यापक होने की उम्मीद है, जिसमें जटिल परिचालन परिदृश्य शामिल होंगे.
इनपुट: हिन्दुस्थान समाचार