कौशांबी: उत्तर प्रदेश के कौशांबी के कड़ा धाम क्षेत्र में लंबे समय से विवादित 96 बीघा जमीन अब आखिरकार सरकारी खाते में दर्ज की गई है. यह भूमि वक्फ बोर्ड द्वारा दावे के चलते 74 वर्षों से विवादित थी, जिसका निस्तारण हाल ही में हुआ है. वक्फ बोर्ड का कहना था कि यह जमीन उन्हें अलाउद्दीन खिलजी द्वारा माफीनामे के तहत मिली थी, जबकि प्रशासन ने इसे ग्राम समाज की संपत्ति करार दिया.
एडीएम न्यायिक की कार्रवाई का पूरा विवरण केंद्र सरकार को भेजा गया है, जिसके बाद शासकीय अधिवक्ता शिवमूर्ति द्विवेदी ने चार बिंदुओं पर सुझाव तैयार किया, जिसे केंद्र सरकार ने स्वीकार कर लिया है.
डीएम मधुसूदन हुल्गी ने बताया कि वक्फ बोर्ड से जुड़ी संपत्ति का मामला कई सालों से डीडीसी न्यायालय में चल रहा था. परीक्षण के बाद न्यायालय ने यह निर्णय लिया कि वक्फ बोर्ड की 96 बीघा जमीन ग्राम समाज की है. इसके परिणामस्वरूप इस भूमि को सरकारी खाते में दर्ज किया गया और अब इसे कब्जा मुक्त करने की कार्रवाई की जा रही है.
वर्ष 1946 से चल रहे इस मुकदमे में वर्ष 2022 में तत्कालीन अपर जिलाधिकारी (न्यायिक) ने जांच के बाद पाया कि यह भूमि ग्राम समाज की है और इसे सरकारी खाते में दर्ज करने का आदेश दिया था. इसके बाद मामला लंबित रहा, लेकिन हाल ही में डीडीसी न्यायालय ने वक्फ बोर्ड का दावा खारिज करते हुए सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया.
अब जिला प्रशासन ने इस भूमि को कब्जा मुक्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इस फैसले की जानकारी केंद्र सरकार को भी दी गई है, जिसे केंद्र ने विधिक सुझाव के रूप में स्वीकार किया.