Potato Fuel : आने वाले समय में आलू से बने डीजल-पेट्रोल से दौड़ेंगी. भारतीय वैज्ञानिक इसको लेकर शोध करने में जुटे हुए हैं. वर्तमान समय में भारत में अधिकांश गाड़ियां डीजल-पेट्रोल से ही संचालित होती हैं. हालांकि, अब धीरे-धीरे इलेक्ट्रिक कारों व अन्य गाड़ियों का चलन बढ़ रहा है. इलेक्ट्रिक वाहनों को संचालित करने में जहां ईंधन के रूप में लगने वाली लागत की बचत होती है. वहीं, प्रदूषण भी नहीं फैलता. इसी कड़ी में सेंट्रल पोटैटो रिसर्च इंस्टीट्यूट (CPIR) के वैज्ञानिकों ने आलू से डीजल-पेट्रोल बनाने का एक प्रस्ताव तैयार किया है.
आलू से इथेनॉल बनाने की तैयारी
दरअसल, CPIR आलू से इथेनॉल बनाने वाले प्रायोगिक प्लांट लगाने की तैयारी कर रहा है. इस इथेनॉल से डीजल-पेट्रोल तैयार किया जाएगा. जो हमारी गाड़ियों में पड़ेगा. जिसके बाद गाड़ियां सड़कों पर फर्राटा भर सकेंगी. वैज्ञानिक आलू के वेस्ट और उनके छिलकों से इथेनॉल बनाने की तकनीक विकसित करने पर काम कर रहे हैं.
उत्पादन का 12 से 15% आलू हो जाता है खराब
भारत चीन के बाद दुनिया में दूसरे नंबर पर आलू उत्पादन करता है. यहां आलू भंडारण को लेकर कोल्ड स्टोर्स का एक बड़ा नेटवर्क है. एक अनुमान के अनुसार, भारत में कुल उत्पादित आलू का करीब 12 से 15 प्रतिशत हिस्सा वेस्ट हो जाता है. सड़ने के बाद जिस आलू को छांट दिया जाता है, वैज्ञानिक उसी आलू से प्रायोगिक प्लांट लगाकर इथेनॉल बनाने की योजना तैयार कर रहे हैं. आलू से प्राप्त इथेनॉल को डीजल-प्रेट्रोल में मिश्रित किया जाएगा.
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वर्तमान में पेट्रोल में ब्लेंड किया जाता है इथेनॉल
वर्तमान समय में भारत में पेट्रोल में इथेनॉल ब्लेंड किया जा रहा है. जबकि डीजल में इथेनॉल को ब्लेंड करने को लेकर सरकार तैयारी कर रही है. भारत में इथेनॉल मुख्य रूप से गन्ना और मक्का से बनता है. नेशनल पॉलिसी ऑन बायोफ्यूल्स ने कहा है कि इथेनॉल बनाने के लिए सड़े आलू का भी प्रयोग किया जा सकता है. अगर सब कुछ ठीक रहा, तो आने वाले दिनों में सड़ा आलू जो निष्प्रयोज्य है, उससे भी इथेनॉल बनाया जा सकेगा.