लखनऊ: उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर हलचल तेज हो गई है. इस उपचुनाव को यूपी विधानसभा चुनाव 2027 के सेमीफाइनल के तौर पर देखा जा रहा है. चुनावी मौसम को देखते हुए सीएम योगी और सपा प्रमुख अखिलेश यादव के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है. वहीं, मायावती और कांग्रेस की सक्रियता ने इस उपचुनाव को और इंस्ट्रेटिंग बना दिया है.
सीएम योगी इस उपचुनाव को प्रतिष्ठा से जोड़कर देख रहे हैं. इसलिए, भाजपा ने सभी 10 सीटों पर जीत की रणनीति तैयार करते हुए मंत्रियों की कमेटी बनाकर उन्हें विधानसभा क्षेत्रवार जिम्मेदारी सौंप दी है. ताकि उपचुनाव में अच्छा प्रदर्शन करके 2027 की दावेदारी को और मजबूत किया जाए.
सपा और कांग्रेस के बीच नहीं हो सका सीटों का बंटवारा
एक ओर भाजपा अपने सहयोगी दलों के साथ उपचुनाव को लेकर तैयारियों में जुटी हुई है. वहीं, दूसरी ओर सपा लोकसभा चुनाव में मिली जीत का अपना मोमेंटम बरकरार रखने की कोशिश कर रही है. हालांकि, उपचुनाव को लेकर विपक्षी गठबंधन के सहयोगी दल सपा और कांग्रेस के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर अपनी-अपनी दावेदारी शुरू हो गई है.
दरअसल, लोकसभा चुनाव 2024 में यूपी में शानदार प्रदर्शन करने वाला विपक्षी गठबंधन विधानसभा उपचुनाव में भी मजबूत दावेदारी पेश करना चाहता है. कांग्रेस के लिए यह उप चुनाव किसी संजीवनी से कम नहीं है. क्योंकि 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का वोट शेयर पहले चुनावों की अपेक्षा गिरकर 3 प्रतिशत से भी कम हो गया था. लेकिन अब लोकसभा चुनाव में 6 सीटें जीतने के बाद कांग्रेस के हौसले बुलंद हैं.
सूत्रों का कहना है कि यूपी की जिन 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है, उनमें से कांग्रेस ने 5 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारने की डिमांड की है. कांग्रेस का यह कदम 2027 के विधानसभा चुनाव में अपनी स्थिति को मजबूत करने के तौर पर देखा जा रहा है. ताकि 2027 में सपा से उसे सम्मानजनक सीटें मिल सकें.
विधानसभा क्षेत्रों में संविधान सम्मेलन करेगी कांग्रेस
2024 के लोकसभा चुनाव में संविधान और लोकतंत्र को लेकर कांग्रेस पार्टी ने अपना नैरेटिव चलाया था. काफी हद तक कांग्रेस इसमें कामयाब भी रही. 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को जहां देशभर में 52 सीटें मिली थीं. वहीं 24 के चुनाव में कांग्रेस 99 सीटें जीतने में कामयाब रही. इसी से उत्साहित यूपी कांग्रेस जिन विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं, वहां संविधान सम्मेलन करने की योजना तैयार कर रही है. ताकि सपा से बार्गेनिंग की जा सके.
मायावती ने रोचक बनाया उपचुनाव
आमतौर पर उपचुनाव से दूरी बनाने वाली बसपा ने अबकी बार विधानसभा उपचुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. अपने विपक्षी पार्टियों से आगे निकलते हुए बसपा ने अयोध्या की मिल्कीपुर और मुजफ्फरनगर की मीरपुर विधानसभा सीट पर प्रत्याशियों के नामों की भी घोषणा कर दी है. मिल्कीपुर से जहां रामगोपाल कोरी को टिकट मिला है. वहीं, मीरपुरा से शाह नजर को प्रत्याशी बनाया गया है.