नई दिल्ली: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ हुए जघन्य अपराध की जांच पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। CBI ने मामले की स्टेटस रिपोर्ट पेश की, जिस पर चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जे बी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने सवाल पूछे। रिपोर्ट पढ़ते हुए चीफ जस्टिस ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से पूछा कि कॉलेज के प्रिंसिपल का घर अस्पताल से कितनी दूरी पर स्थित है? सॉलिसिटर जनरल ने जानकारी दी कि प्रिंसिपल का घर 10-15 मिनट की दूरी पर है।
कोर्ट ने CBI से यह भी पूछा कि क्या उन्हें घटना के सभी CCTV फुटेज प्राप्त हुए हैं। सॉलिसिटर जनरल ने बताया कि कुल चार फुटेज हैं, जो 27 मिनट के हैं। कुछ में तकनीकी खराबी के अलावा सभी फुटेज उपलब्ध हैं। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से सवाल किया कि घटना के 14 घंटे बाद FIR क्यों दर्ज की गई। बेंच ने CBI को निर्देश दिया कि वह घटना की सभी कड़ियों को जोड़ते हुए गहन जांच करे, खासकर CCTV फुटेज की बारीकी से समीक्षा की जाए।
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने डॉक्टरों की हड़ताल के चलते अब तक 23 मरीजों की मौत की जानकारी पर कड़ा रुख अपनाया। कोर्ट ने आदेश दिया कि 10 सितंबर की शाम 5 बजे तक सभी रेजिडेंट डॉक्टर काम पर लौटें, अन्यथा अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना करें। चीफ जस्टिस ने डॉक्टरों को सेवा के महत्व का एहसास कराने पर जोर दिया और पश्चिम बंगाल सरकार को डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
सॉलिसिटर जनरल ने अस्पताल में तैनात सुरक्षाकर्मियों की सुरक्षा और आवास से जुड़े मुद्दे उठाए, जिसके बाद बेंच ने राज्य के गृह विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी और CISF के वरिष्ठ अधिकारी को उचित आवास और सुरक्षा उपकरण मुहैया कराने का आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने CBI को निर्देश दिया कि अगली सुनवाई तक ताजा स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की जाए। इस मामले की अगली सुनवाई मंगलवार, 17 सितंबर को होगी।