लखनऊ: आज 6 सितंबर दिन शुक्रवार को दुनिया भर में सनातन धर्म को मानने वाले लोग हरितालिका तीज का पर्व मना रहे हैं। यह पर्व विशेष रूप से सुहागिन महिलाओं के लिए बहुत महत्व रखता है। हिंदी तिथि के अनुसार, हर वर्ष भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरतालिका तीज मनाई जाती है। न्यूज 18 के अनुसार, इस बार शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 5 सितंबर दोपहर 12 बजकर 21 मिनट से शुरू होगी। जो 6 सितंबर दिन शुक्रवार को दोपहर 3:01 मिनट पर समाप्त होगी। इसलिए पूजा का शुभ योग प्रात: 6:02 बजे से 8:33 बजे तक है।
पूजन सामग्री
हरितालिका तीज की पूजा के लिए पूजन सामग्री के लिए नारियल, फल-फूल, कलश, चंदन, मेहंदी, घी, कपूर, कुमकुम, दीपक, दही, जनेऊ, चीनी, दूध, शहद, गीली मिट्टी, बेल पत्र, शमी पत्र, केले का पत्ता आदि का प्रबंध कर लें। साथ ही माता पार्वती की सुहाग सामग्री के रूप में मेहंदी, चूड़ी, बिछिया, बिछिया, काजल, बिंदी, काजल, बिंदी, कुमकुम, सिंदूर, कंघी, माहौर की आवश्यकता होगी।
यह भी पढ़ें: Ganesh Chaturthi: देसी गाय के गोबर से तैयार की जा रहीं गणेश प्रतिमाएं, खरीदने में भक्त खूब दिखा रहे चाव
प्रदोष काल में होती है हरतालिका तीज की पूजा
हरतालिका तीज की पूजा प्रदोष काल में होती है। प्रदोष काल से तात्पर्य दिन-रात के मिलने का समय से होता है। हरतालिका तीज के दिन भगवान शिव, माता पार्वती व गणेशजी की पूजा होती है। इस दिन सुहागिन महिलाएं सोलह श्रृंगार कर पूजा करती हैं। गिली मिट्टी से शिव-पार्वती और गणेश की प्रतिमाएं बनाई जाती हैं। जिनकी पूजा होती है। महिलाएं रात्रि जागरण कर भजन-कीर्तन करती हैं और सुबह स्नान कर शिव-पार्वती की पूजा करती हैं। जिसके बाद मां पार्वती व भगवान गणेश और शिव पुत्र गणेश को भोग लगाया जाता है।