पलक्कड़: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने जाति आधारित जनगणना को समाज के विकास के लिए आवश्यक माना है, लेकिन इसका चुनाव प्रचार के लिए इस्तेमाल किए जाने पर आपत्ति जताई है। RSS के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने सोमवार को केरल के पलक्कड़ में आयोजित 3 दिन की समन्वय बैठक के अंतिम दिन प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह स्पष्ट किया कि जाति जनगणना का उद्देश्य केवल डेटा संग्रहण होना चाहिए, न कि इसे चुनावी लाभ के लिए राजनीतिक टूल के रूप में उपयोग किया जाना चाहिए।
संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने कहा कि हिंदू समाज में जाति एक अत्यंत संवेदनशील मुद्दा है और इसकी जनगणना राष्ट्रीय एकता और सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने सुझाव दिया कि यह प्रक्रिया गंभीरता और संवेदनशीलता के साथ की जानी चाहिए और समाज की भलाई के लिए उपयोग की जानी चाहिए, न कि राजनीतिक लाभ के लिए।
तीन दिवसीय बैठक में प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की गई
कोलकाता रेप-मर्डर केस: अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि यह पूरे देश के लिए चिंता का विषय है। आंबेकर ने कहा कि ऐसी घटनाओं में वृद्धि हो रही है, और इस पर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है। बैठक में सरकार, कानून व्यवस्था, और सजा के तंत्र पर चर्चा की गई। यह सुझाव दिया गया कि फास्ट ट्रैक कोर्ट जैसी प्रक्रियाओं को अपनाया जाए ताकि पीड़ितों को शीघ्र न्याय मिल सके।
यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC): अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख ने बताया कि यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) का मॉडल पहले से ही जनता के बीच उपलब्ध है। उत्तराखंड में UCC को लागू करने से पहले इसे सार्वजनिक डोमेन में रखा गया था, जहां 2 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हुए। आंबेकर ने कहा कि अब इसे जनता का अनुभव मानते हुए इस पर आगे चर्चा की जा सकती है।
बांग्लादेश में हिंदुओं की स्थिति: बैठक में बांग्लादेश के हालात पर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की गई, जिसमें वहां के हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के मुद्दे पर चर्चा की गई। अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने बांग्लादेश सरकार से आग्रह किया कि वह वहां के अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाए और सरकार से इस मुद्दे पर बातचीत की जाए।
वक्फ बोर्ड से जुड़े संशोधन: वक्फ बोर्ड से जुड़े मसलों पर भी चर्चा की गई, जिसे एक महत्वपूर्ण और जटिल मुद्दा माना गया। सुनील आंबेकर ने कहा कि इस मुद्दे पर व्यापक स्तर पर चर्चा की जाएगी क्योंकि मुस्लिम समाज से वक्फ बोर्ड के कार्यों के संबंध में कई शिकायतें प्राप्त हुई हैं।
बैठक में 32 संगठनों के राष्ट्रीय नेताओं ने भी भाग लिया
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की तीन-दिवसीय ‘अखिल भारतीय समन्वय बैठक’ 31 अगस्त को केरल के पलक्कड़ में संपन्न हुई। इस बैठक में संघ के प्रमुख मोहन भागवत और छह संयुक्त महासचिवों की मौजूदगी के साथ-साथ संघ से प्रेरित 32 संगठनों के राष्ट्रीय नेताओं ने भी भाग लिया। इनमें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे पी नड्डा, महासचिव (संगठन) बी. एल. संतोष, विश्व हिंदू परिषद के प्रमुख आलोक कुमार और भारतीय मजदूर संघ के अध्यक्ष हिरण्मय पंड्या शामिल थे।
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