विशाखापत्तनम: भारतीय नौसेना को दुनिया की सबसे शक्तिशाली सेना बनाने के लिए मोदी सरकार पूरी कोशिश कर रही है। इसी क्रम में नेवी की ताकत में और इजाफा करने के लिए…आज गुरुवार को भारतीय नौसेना के जंगी बेड़े में न्यूक्लियर पनडुब्बी ‘INS अरिघात’ को शामिल किया जाएगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज INS अरिघात को विशाखापत्तनम में नौसेना को सौंपेंगे। INS अरिघात पनडुब्बी को 2017 में लॉन्च किया गया था। तब से लेकर 2024 तक यह कई चरणों में टेस्टिंग के दौर से गुजरी, जिसके बाद इसे भारतीय नौसेना को सौंपा जा रहा है। INS अरिघात के कमीशन पर आयोजित कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश त्रिपाठी, वाइस एडमिरल सूरज बेरी व DRDO के शीर्ष अधिकारी शामिल होंगे।
INS अरिघात का 6 हजार टन है वजन
INS अरिघात के कमीशन के बाद भारतीय नौसेना के पास 2 बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बियां हो जाएंगी। इसके पूर्व वर्ष 2016 में ‘आईएनएस अरिहंत’ को नेवी के जंगी बेड़े में शामिल किया गया था। INS अरिघात का वजन करीब 6 हजार टन बताया जा रहा है। इसकी लंबाई 110 और चौड़ाई 11 मीटर है। जिस पर कई लड़ाकू विमानों के साथ-साथ मिसाइलों को तैनात किया जा सकता है। भारतीय नेवी को पनडुब्बी INS अरिघात मिलने से भारत के समुद्री सीमा की सुरक्षा और मजबूत होगी।
4,000 किमी मारक क्षमता वाली मिसाइल होंगी तैनात
INS अरिघात पर 750 किलोमीटर की दूरी तक मारक क्षमता वाली K-15 बैलिस्टिक मिसाइल को तैनात किया गया है। 750 ही नहीं 4,000 किलोमीटर तक की दूरी पर बैठे दुश्मन को अपना निशाना बनाने वाली K-4 मिसाइल को भी इस पनडुब्बी पर तैनात किया गया है।
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विश्वस्तरीय तकनीकी से लैस है INS अरिघात
अरिघात शब्द को संस्कृत से लिया गया है, जिसका अर्थ है ‘शत्रु का नाश’ करने वाला। नाम के अनुरूप इस पनडुब्बी का काम भी है। INS अरिघात पनडुब्बी को विश्वस्तरीय तकनीकी से लैस किया गया है। INS अरिघात के अलावा भारत अपनी तीसरी पनडुब्बी INS अरिदमन का भी निर्माण कर रहा है।