Ayodhya News- देश के तीन प्रमुख मूर्तिकारों ने रामलला की मूर्ति तैयार करने में अपना योगदान दिया था। बेंगलुरु के मूर्तिकार अरुण योगीराज की बनाई गई मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा कराई गई, जबकि दो अन्य मूर्तिकारों की मूर्तियां ट्रस्ट के पास सुरक्षित रखी हैं। इन सभी मूर्तिकारों को 75-75 लाख रुपए पारिश्रमिक दिया जाएगा। ट्रस्ट ने इसकी घोषणा की है।
तीनों मूर्तिकारों को मिले 75-75 लाख रुपए
बता दें, कि 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा की गई थी। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने मूर्तियां बनाने वाले तीनों मूर्तिकारों में 37 साल के मूर्तिकार अरुण योगीराज, दूसरे मूर्तिकार गणेश भट्ट और तीसरे मूर्तिकार सत्यनारायण पांडे हैं। इन सभी को ट्रस्ट की तरफ से 75-75 लाख रुपए मेहनताना दिया जाएगा। ट्रस्ट ने बताया, कि मूर्तिकारों को पारिश्रमिक दिए जाने पर विचार किया गया था। जिसमें सभी मूर्तिकारों को एक समान धनराशि दी गई है। सभी मूर्तिकारों ने एक समय में मूर्ति बनाई थी, इसलिए सभी मूर्तिकारों को एक समान धनराशि दी गई है।
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ट्रस्ट के सदस्यों की उपस्थिति में होगी जांच
महासचिव चंपत राय के अनुसार, बीते 4 वर्षों में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को 13 कुंतल चांदी और 20 किलो सोना प्राप्त हुआ है। धातु की गुणवत्ता के लिए भारत सरकार की संस्था मिंट के द्वारा जांच कराने के लिए ट्रस्ट के सदस्यों ने मंथन करने के बाद इस पर सहमति दी है। चंपत राय ने बताया, कि पहले चरण में 9 कुंतल 44 किलो चांदी जांच के लिए दी गई है। सितंबर महीने में ट्रस्ट के दो सदस्यों की उपस्थिति में हैदराबाद के टकसाल में इसकी जांच होगी।
ERP के माध्यम से होगी एकांउट की देख-रेख
महासचिव चंपत राय ने बताया, कि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का लेखा-जोखा ERP के माध्यम से किया जा रहा है। अकाउंट का सभी लेखा-जोखा इसी साफ्टवेयर के जरिए किया जाएगा। उन्होंने बताया, कि जिस प्रकार की रिपोर्ट निकालनी हो, सिर्फ बटन दबाते ही वह सामने आ जाती है।