Jhansi News- आय से अधिक संपत्ति मामले में चित्रकूट के डीएम रहे ओम सिंह देशवाल, पूर्व सीडीओ भूपेंद्र त्रिपाठी समेत 5 अफसरों और 4 कर्मचारियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है। झांसी की विजिलेंस इकाई को शिकायत मिलने के बाद जांच में अहम सुबूत मिले थे। फिलहाल ये सभी अधिकारी सेवानिवृत्त हो चुके हैं। सभी की तैनाती चित्रकूट में ही थी। जल्द ही आरोपियों की गिरफ्तारी की जा सकती है।
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योगी सरकार से मिली थी इजाजत
बता दें, कि साल 2004 से 2010 तक चित्रकूट में जिलाधिकारी रहे ओम सिंह देशवाल, पूर्व सीडीओ भूपेंद्र त्रिपाठी, परियोजना निदेशक प्रेमचंद्र द्विवेदी, सोमपाल, सहायक अभियंता बुद्धिराम चौधरी समेत 9 कर्मचारियों के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति समेत अवैध खनन की शिकायत की गई थी। सरकार से इजाजत मिलने के बाद मई 2022 से जांच शुरू की गई थी। करीब 2 साल तक इसकी जांच चली। आय से अधिक संपत्ति के ठोस सुबूत मिलने के बाद विजिलेंस ने भ्रष्टाचार उन्मूलन अधिनियम समेत आईपीसी की धारा 420, 120-बी समेत अन्य धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कराई है।
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सरकारी धनराशि चढ़ी भृष्टाचार की भेंट
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 2001 में पंजीकरण रद्द होने के बावजूद फैजाबाद स्थित एनजीओ, पर्यावरण और ग्रामीण विकास इंजीनियरिंग सेवा संस्थान को जनवरी 2003 से मार्च 2004 के बीच सरकारी धनराशि दी गई। इस धनराशि को स्थानीय क्षेत्र विकास योजना, संपूर्ण रोजगार योजना और एकीकृत विकास कार्यक्रम के तहत विभिन्न कार्यों के लिए आवंटित किया गया था। जांच में पता चला, कि स्वीकृत परियोजनाओं में से कोई भी धरातल पर नहीं है। धन आवंटित कर बंदरबांट किया गया। एसपी (विजिलेंस) आलोक शर्मा के मुताबिक, रिपोर्ट दर्ज करके मामले की विवेचना शुरू की गई है। आरोपियों की चल-अचल संपत्ति खंगाल जा रही है।