ढाका: बांग्लादेश में जारी राजनीतिक अस्थिरता और हिंसा के बीच वहां के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने आज मंगलवार को संसद भंग कर दी है। ढाका से प्रकाशित ट्रिब्यून के अनुसार, तीनों सेनाओं के प्रमुख, विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं, समाज के प्रतिनिधियों और आंदोलनकारी छात्रों के साथ राष्ट्रपति शहाबुद्दीन ने बैठक करने का निर्णय लिया है। माना जा रहा है कि इसी आधार पर राष्ट्रीय संसद को भंग कर दिया गया है।
खबरें हैं कि बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी अध्यक्ष खालिदा जिया को रिहा कर दिया गया है। साथ ही 1 जुलाई से 5 अगस्त तक गिरफ्तार किए गए सभी आंदोलनकारी छात्रों और अन्य लोगों को रिहा किया जाएगा। इसकी प्रक्रिया भी प्रारंभ हो चुकी है। इनमें से कई लोगों को रिहा भी किया जा चुका है।
बांग्लादेश की संसद भंग किए जाने के बाद अब राष्ट्रपति और सेना प्रमुख मिलकर अंतरिम सरकार का गठन करेंगे। ल्लेखनीय है कि बांग्लादेश में जारी हिंसा और सरकार विरोधी प्रदर्शन के चलते बीते सोमवार की दोपहर को पीएम शेख हसीना ने इस्तीफा देकर देश छोड़ दिया था। जिसके बाद वह भारत पहुंचीं थीं।
तख्तापलट के बाद हिंदू अल्पसंख्यकों को बनाया जा रहा निशाना
बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद हिंदू विरोधी हिंसा बढ़ती जा रही है। ढाका के खिलगांव थाना क्षेत्र में कट्टरपंथियों ने हिंदू मंदिरों और घरों पर हमला कर दिया। हमलावरों ने घरों में तोड़फोड़ और लूटपाट की। स्थिति बिगड़ने के बाद कुछ जगहों पर मंदिरों की सुरक्षा के लिए छात्रों को तैनात किया गया। हिंदू अल्पसंख्यकों पर हमले, मंदिरों में तोड़फोड़ की ख़बरें दिखने वाले न्यूज चैनलों पर भी हमला किया गया।
बांग्लादेश न्यूज चैनलों के मुताबिक पाबना जिले में हिंदू अल्पसंख्यकों के घरों पर कट्टरपंथियों ने हमला किया। सुजानगर में हिंसा के कारण हिंदू परिवार रातभर जागते रहे। वार्ड नंबर 2 में तोड़फोड़ और लूटपाट की घटनाएं सामने आईं। महिलाएं और बच्चे चीखते-चिल्लाते रहे, लेकिन किसी ने उनकी मदद नहीं की। कांडीपारा जिले के वरात में काली मंदिर पर भी कट्टरपंथियों ने हमला किया और मूर्तियों को तोड़ दिया।