पेरिस: टोक्यो ओलंपिक में भारत को स्वर्ण पदक दिलाने वाले भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा ने पेरिस ओलंपिक में भी शानदार प्रदर्शन किया है। उन्होंने अपने प्रथम प्रयास में ही 89.34 मीटर की दूरी तक भाला फेंक कर फाइनल राउंड में स्थान पक्का किया। फाइनल में क्वालीफाई करने के लिए यह जरूरी था कि नीरज चोपड़ा 84 मीटर से अधिक का थ्रो करें। हालांकि, उन्होंने 89.34 मीटर दूरी तक भाला फेंककर फाइनल में अपनी जगह बना ली।
नीरज चोपड़ा ने टोक्यो ओलंपिक में भी भारत को स्वर्ण पदक दिलाया था। अबकी बार फिर से देशवासी उनसे गोल्ड की उम्मीद कर रहे हैं। अगर वह ऐसा करने में सफल होते हैं तो लगातार दो बार स्वर्ण पदक जीतने वाले विश्व के 5वें जेवलिन थ्रोअर बन सकते हैं। चोपड़ा से पहले स्वीडन के जेवलिन थ्रोअर एरिक लेमिंग ने वर्ष 1908 और 1912 में गोल्ड मेडल जीता था। उनके अलावा फिनलैंड के जोन्नी माइरा (1920 और 1924), चेक गणराज्य के जान जेलेंजी ने (1992 और 1996 ) नॉर्वे के आंद्रियास टी ने (2004 और 2008) में यह कारनामा किया था।
सबसे आगे रहे नीरज चोपड़ा
नीरज चोपड़ा थ्रो फेंकने के मामले में ग्रुप A और ग्रुप B में सबसे आगे आगे रहे। ग्रुप ए के जूलियन वेबर ने 87.76 मीटर और केनिया के यीगो जूलियस ने 85.97 मीटर, वाडलेज जैकब ने 85.63 मीटर, टोनी करेनन 85.27 मीटर थ्रो करके फाइनल में अपनी जगह बनाई। ग्रुप ए से जूलियन वेबर 87.76 मीटर थ्रो के साथ टॉप पर रहे। वहीं, ग्रुप बी से नीरज चोपड़ा ने 89.34 मीटर दूरी तक भाला फेंक कर सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया।