बांग्लादेश में आरक्षण के विरोध में शुक्रवार को फिर से विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है। यह प्रदर्शन प्रधानमंत्री शेख हसीना और उनकी सरकार के खिलाफ है। इससे पहले, बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर हुई हिंसा में 200 से अधिक लोगों की मौत के बाद ये प्रदर्शन थम गए थे। अब, हाल की घटनाओं में मारे गए लोगों के लिए इंसाफ की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन दोबारा शुरू हो गए हैं। शुक्रवार को हुए विरोध प्रदर्शन दो लोगों की मौत हो गई और 100 से अधिक घायल हुए हैं।
ढाका के विभिन्न हिस्सों में दो हजार से अधिक प्रदर्शनकारी एकत्र हुए। इनमें से कुछ लोग “तानाशाह मुर्दाबाद” और पीड़ितों के लिए इंसाफ के नारे लगा रहे थे, इस दौरान पुलिस अधिकारी उनके चारों ओर घेरा बनाकर खड़े थे। ढाका के उत्तरा इलाके में पुलिस और दर्जनों छात्रों के बीच झड़प हुई, जबकि सुरक्षा अधिकारियों ने पत्थरबाजी कर रहे प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस और स्टन ग्रेनेड का इस्तेमाल किया।
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प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार पिछले महीने से छात्रों के प्रदर्शनों का सामना कर रही है और फिलहाल इन प्रदर्शनों के थमने का कोई संकेत नहीं है।
15 जुलाई को हिंसा भड़कने के बाद, शेख हसीना के लिए यह विरोध-प्रदर्शन एक बड़ा संकट बन गया है। हिंसक प्रदर्शनों से निपटने के लिए अधिकारियों ने इंटरनेट बंद कर दिया है और देखते ही गोली मारने का आदेश देते हुए कर्फ्यू लगा दिया है। इसके साथ ही, स्कूल और विश्वविद्यालय भी बंद कर दिए गए हैं।