उत्तर प्रदेश के गोंडा-मनकापुर रेलखंड पर चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस के बेपटरी होने के मामले में जांच समिति ने इंजीनियरिंग विभाग की खामियों को हादसे का जिम्मेदार ठहराया है। 6 सदस्यीय समिति के 5 अधिकारियों ने ट्रैक की खराब स्थिति को हादसे का प्रमुख कारण माना। एक अधिकारी ने ट्रेन की तेज रफ्तार और अचानक ब्रेक लगाए जाने को जिम्मेदार ठहराया। रेलवे बोर्ड को संयुक्त जांच रिपोर्ट भेज दी गई है। बृहस्पतिवार को हुए इस हादसे में 4 यात्रियों की मौत हो गई तो वही 33 यात्री घायल हुए थे। प्रारंभिक जांच के बाद CRS ने भी अपनी जांच शुरू कर दी है।
विभागीय अधिकारियों की संयुक्त टीम ने जांच में पाया कि ट्रैक की फास्टिंग सही स्थिति में नहीं थी और IMR डिटेक्ट होने के बाद गाड़ी के कॉशन ऑर्डर मिलने से पहले साइड का प्रोटेक्शन नहीं किया गया, जिसके कारण ट्रेन पटरी से उतर गई। जांच रिपोर्ट के अनुसार मोतीगंज-झिलाही रेलवे स्टेशन के बीच डाउन ट्रैक संख्या-638 पर नियमित निगरानी और देखभाल नहीं की गई थी। कई जगहों पर ट्रैक और स्लीपर के बीच लगने वाला यंत्र सही से कसा नहीं गया।
ट्रेन के ड्राइवर त्रिभुवन नारायण ने बताया कि मोतीगंज स्टेशन का होम सिग्नल पीला होने के कारण ट्रेन 30 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही थी, लेकिन स्टेशन पहुंचने पर और स्टार्टर लेट ऑफ होने के कारण ट्रेन 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने लगी। ट्रैक संख्या-638 किलोमीटर पर बड़ा झटका लगा और खड़खड़ाहट की आवाज आने लगी। इंजन में लगे यंत्र संकेत मिलने के बाद इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन रोकी गई। जिसके बाद हादसे की जानकारी हुई।
रेल संरक्षा आयुक्त (CRS) इस हादसे की वजह जानने के लिए रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं। रेलवे की जांच टीमों को ट्रैक अपनी मौजूदा स्थिति से करीब चार फीट खिसका हुआ मिला, और ट्रैक के पास पानी भरा था, जिससे ट्रैक कमजोर हो गया था। फॉरेंसिक टीम ने पटरी का लोहा और मिट्टी के सैंपल लिए हैं। इसके अलावा, अमरोहा रेलवे स्टेशन के पास मालगाड़ी दुर्घटनाग्रस्त होने के 14 घंटे बाद रविवार दोपहर 2:15 बजे तक डाउन लाइन बहाल हो गई और शाम साढ़े 4 बजे अप लाइन भी शुरू कर दी गई। इस दौरान 34 ट्रेनों का रूट डायवर्ट किया गया साथ ही 6 पैसेंजर टट्रेनों को निरस्त कर दिया गया।
शनिवार शाम 7:10 बजे गोंडा से गाजियाबाद जा रही मालगाड़ी अमरोहा स्टेशन से कुछ दूरी पर कल्याणपुरा रेलवे फाटक के पास बेपटरी हो गई थी, जिसमें मालगाड़ी के 10 वैगन पलट गए थे और अप व डाउन ट्रैक बाधित हो गया था। रेलवे के विद्युत पोल टूट गए थे और ट्रैक के स्लीपर भी क्षतिग्रस्त हो गए थे।
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