लखनऊ: यूपी विधानसभा व विधान परिषद के मानसूत्र सत्र की तारीख घोषित हो गई है। आगामी 29 जुलाई को सुबह 11 बजे से मानसूत्र सत्र प्रारंभ होगा। यह सत्र काफी हंगामेदार होने के आसार हैं। हालांकि, अबकी बार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के तौर पर अखिलेश यादव नजर नहीं आएंगे। क्योंकि, वह लोकसभा के सदस्य चुने गए हैं। सपा उनके स्थान पर किसे नेता प्रतिपक्ष बनाती है, यह देखना दिलचस्प होगा। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के तौर पर चर्चाओं में शिवपाल सिंह का नाम सबसे आगे चल रहा है। लेकिन, सपा प्रमुख उन्हें यह जिम्मेदारी देंगे या किसी अन्य नाम पर विचार करेंगे इस पर सस्पेंस बरकरार है।
विधानसभा प्रमुख सचिव ने जारी की अधिसूचना
विधानसभा प्रमुख सचिव प्रदीप कुमार दुबे ने पत्र जारी कर जानकारी दी है कि राज्यपाल ने उत्तर प्रदेश की 18वीं विधानसभा वर्ष 2024 के मानसून सत्र को 29 जुलाई को सुबह 11 बजे से आहूत किया है। उल्लेखनीय है कि लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद यह विधानसभा का यह पहला सत्र होगा। माना जा रहा है कि अबकी बार योगी सरकार सदन में कुछ अध्यादेश को पास करा सकती है।
मानसून सत्र हंगामेदार होने के आसार
विधानसभा का मानसून सत्र हंगामेदार हो सकता है। 2024 के लोकसभा चुनाव में प्रदेश के राजनीतिक समीकरण तेजी से बदले हैं। लोकसभा में सपा के सदस्यों की संख्या 37 हो गई है। प्रदेश में विपक्ष के बढते हुए जनाधार को देखते हुए, अनुमान लगाया जा रहा है कि विधानसभा में सपा विधायक भाजपा सरकार को कई मुद्दों पर घेर सकते हैं। जिसमें से किसान, बेरोजगारी, जातीय जनगणना, पेपर लीक मुद्दा प्रमुख हो सकते हैं।
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विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की सीट खाली
विधानसभा में वर्तमान में नेता प्रतिपक्ष की सीट खाली है। अभी तक सपा प्रमुख अखिलेश यादव नेता प्रतिपक्ष की भूमिका निभा रहे थे। लेकिन, वह कन्नौज लोकसभा सीट से सांसद चुने जाने के बाद केंद्र की राजनीति में सक्रिय हैं। सूत्रों का कहना है कि विधानसभा का मानसून सत्र प्रारंभ होने से पहले ही समाजवादी पार्टी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के नाम की घोषणा कर सकती है। संभावित नेता प्रतिपक्ष के तौर पर सपा के 4 विधायकों का नाम चर्चा में हैं। जिसमें विधायक इंद्रजीत सरोज, शिवपाल सिंह यादव, राम अचल राजभर, कमाल अख्तर का नाम शामिल है। माना जा रहा है कि इन्हीं 4 विधायकों में से किसी एक नाम पर अखिलेश यादव विचार कर सकते हैं।