NEET UG पेपर लीक मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई एक बार फिर से टाल दी गई है। इस मामले में कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई का आदेश दिया है। सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने NTA को निर्देश दिया कि वो NEET UG 2024 परीक्षा के परिणाम शहर और केंद्र वार अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित करे, जिसमें उम्मीदवारों की पहचान गुप्त रखी जाए। NTA के अनुरोध पर सुप्रीम कोर्ट ने नतीजे प्रकाशित करने के लिए शनिवार दोपहर तक का समय दिया है।
बता दें कि CBI ने NEET मामले में दूसरी स्टेटस रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में फाइल की है। आज सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि उन्हें CBI जांच की स्टेटस रिपोर्ट नहीं मिली है। जिसपर चीफ जस्टिस ने कहा कि अभी जांच चल रही है। अगर इस स्टेज पर रिपोर्ट सार्वजनिक होती है तो जांच पर असर पड़ सकता है।
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सुनवाई के दौरान क्या-क्या हुआ ?
गुरुवार को NEET मामले में सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता नरेन्द्र हुड्डा ने मुख्य याचिका पर दलीलें पेश कीं। NEET UG पेपर लीक मामले में सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने कई अहम प्रश्न पूछे। इतना ही नहीं चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने NEET पेपर लीक मामले में सुनवाई के दौरान एक बड़ी बात कही, उन्होंने कहा कि गुजरात के गोधरा का पेपर लीक से कोई लेना-देना नहीं है।
सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने पूछा कि मेडिकल कॉलेजेस में कुल कितनी सीटें हैं? इसपर NTA के वकील ने बताया कि सरकारी और प्राइवेट मिलाकर कुल एक लाख 8 हजार सीट हैं। ऐसे में स्टेक सिर्फ एक लाख लोगों का दांव पर है, 23 लाख लोगों का नहीं। चीफ जस्टिस ने कहा इसलिए 23 लाख में से केवल 1 लाख को प्रवेश मिलेगा, हम दोबारा परीक्षा का आदेश नहीं दे सकते। दोबारा परीक्षा का आदेश केवल तभी दिया जा सकता है जब पूरी परीक्षा प्रभावित हुई हो।
याचिकाकर्ता के वकील हुड्डा ने कहा कि टेलीग्राम चैनल पर NEET का पेपर परीक्षा के एक दिन पहले, 4 मई को डाल दिया गया। जिसपर CJI ने कहा जिसने पेपर लीक किया होगा, उसने तो पैसे के लिए किया होगा। ऐसे में वो टेलीग्राम पर शेयर क्यों करेगा?
CJI ने पूछा कि क्या पेपर 3 मई को ही लीक हो गया था? क्योंकि NTA का कहना है कि 5 मई को स्टूडेंट्स को पेपर को याद कराया गया। तो इसका मतलब तो ये हुआ कि 5 मई के पहले किसी ने पेपर को सॉल्व किया होगा और पेपर 5 मई के पहले लीक हुआ होगा, 4 या 3 मई को। चीफ जस्टिस ने सवाल किया कि सॉल्वर ने 45 मिनट या 1 घण्टे में पूरा पेपर कैसे सॉल्व किया होगा ? जिस पर सॉलिसिटर जनरल ने जवाब दिया कि कुल 7 सॉल्वर थे, जिन्होंने पेपर बांटकर सॉल्व किया। सॉलिसिटर जनरल ने कोर्ट को बताया कि एक सॉल्वर गैंग का मेंबर हजारीबाग में था और उसको क्वेश्चन व्हाट्सअप से भेजा गया।
चीफ जस्टिस ने अहम टिप्पणी में कहा ‘ऐसा लग रहा है कि केवल पटना और हजारीबाग में NEET परीक्षा में गड़बडी हुई है।’ चीफ जस्टिस ने पूछा इस घटना का तार पटना से कैसे जुड़ा है? जिसपर सॉलिसीटर जनरल ने कहा इस गिरोह का एक सदस्य पटना में था।चीफ जस्टिस ने दोनों पक्षों को की दलीलें सुनने के बाद सोमवार 22 जुलाई को फिर से आगे की बहस जारी रखने का आदेश दिया है।