जम्मू-कश्मीर में बढ़ती आतंकी घटनाओं के बाद सुरक्षाबलों का एक्शन जारी है। यहां के कुपवाड़ा में सुरक्षाबलों ने एनकाउंटर के दौरान दो आतंकियों को ढेर कर दिया है। ये मुठभेड़ कुपवाड़ा के केरन सेक्टर में LOC के पास हुई है।
बता दें कि पिछले कई घंटों से सुरक्षाबलों ने घाटी के अलग-अलग क्षेत्रों में सर्च ऑपरेशन चलाया है। इस दौरान आतंकियों और सुरक्षाबल के जवानों के बीच मुठभेड़ की घटनाएं भी सामने आई हैं। वहीं इससे पहले आज गुरुवार की सुबह डोडा जिले के कास्तीगढ़ इलाके में मुठभेड़ होने की बात सामने आई थी। इसमें सेना का एक जवान घायल हो गया था।
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15-16 जुलाई को 5 सैन्यकर्मी हुए थे बलिदान
15-16 जुलाई की रात को डोडा में सेना के अधिकारी समेत 5 सैन्यकर्मी बलिदान हुए थे। आतंकियों की मौजूदगी की सूचना पर राष्ट्रीय राइफल्स और जम्मू-कश्मीर पुलिस के विशेष अभियान दल के जवानों ने सोमवार देर शाम देसा वन क्षेत्र के धारी गोट उरबागी में घेराबंदी कर तलाशी अभियान चलाया था।
आतंकियों का ज्यादा ध्यान अब जम्मू पर ही क्यों ?
आतंकियों ने अब अपना ज्यादा ध्यान कश्मीर से हटाकर जम्मू की ओर कर लिया है। बीते दिनों जम्मू क्षेत्र में कई आतंकी हमले हुए, जिसमें काफी लोगों की मौत हो गई। दरअसल जम्मू-कश्मीर के हिंदू बहुल जम्मू संभाग में आतंकियों का ध्यान शिफ्ट होने की रणनीति तब स्पष्ट हुई, जब आतंकियों ने 2023 के पहले दिन राजौरी के डूंगरी गांव में 5 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। बाद में आतंकियों के लगाए IED ब्लास्ट में दो बच्चों की मौत हो गई।
वहीं, पीर पंजाल रेंज के जंगलों में महीनों तक चले आतंकवाद विरोधी अभियानों में लगभग एक दर्जन सशस्त्र कर्मी बलिदान हो गए। इस साल 9 जून को तीर्थयात्रियों की बस पर हमले के बाद से ये आतंकी हमले अभी भी जारी हैं, जो अन्य जिलों में भी तेज हो गए हैं।
आतंकी पारिस्थितिकी तंत्र और फंडिंग पर कार्रवाई के कारण कश्मीर में रहना अब उनके लिए मुश्किल हो गया है। इसके अलावा पीर पंजाल के जंगल घुसपैठियों के लिए छिपने की जगह के रूप में काम करते हैं।