पड़ोसी देश बांग्लादेश में आरक्षण के विरोध में शुरु हुआ छात्रों का आंदोलन अब उग्र होता नजर आ रहा है। इस बीच भारत ने वहां रहने वाले अपने नागरिकों के लिए एडवाइजरी जारी की है। उन्हें बेवजह घरों से बाहर ना निकलने की सलाह दी गई है।
बता दें कि बुधवार को ढाका में पुलिस और आंदोलनकारियों के बीच हिंसक झड़प हुई। आंदोलन को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा। इस दौरान एक आंदोलनकारी की मौत हो जाने से विद्यार्थियों का पारा और चढ़ गया। विरोधस्वरूप छात्रों ने कई जगहों पर आगजनी की।
ये भी पढ़ें- ओमान में भारतीय नौसेना ने बचाई 9 लोगों की जान, तेल टैंकर पलटने के बाद INS तेग ने संभाला था मोर्चा
ढाका में पुलिस ने दी सख्त चेतावनी
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पुलिस का कहना है कि आंदोलनकारियों के सड़कों पर उतरकर जनता को परेशान करने पर नरमी नहीं बरती जाएगी। सभी संवेदनशील इलाकों और विश्वविद्यालयों के आसपास अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। ढाका विश्वविद्यालय के आसपास पानी की बौछार करने वाली मशीनों को तैनात किया गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ढाका के सभी विश्वविद्यालयों के छात्रावासों को खाली कराया गया है। आंदोलनकारियों को राजधानी के स्कूलों और कॉलेजों में घुसने से रोकने के लिए व्यापक इंतजाम किए गए हैं।
आंदोलनकारियों ने जतराबारी-शोनिर अखरा क्षेत्र में की थी आगजनी
जानकारी के मुताबिक बुधवार की आधी रात को अचानक छात्रों का एक समूह ढाका विश्वविद्यालय क्षेत्र की तरफ बढ़ने लगा। ये देखकर पुलिस ने आंदोलनकारियों को चेताया, लेकिन विरोध कर रहे छात्रों के गुट ने जतराबारी-शोनिर अखरा क्षेत्र में आग लगा दी। यहां झड़प के दौरान दर्जनों लोग घायल हुए और एक आंदोलनकारी की मौत हो गई।
क्या है पूरा मामला ?
दरअसल बांग्लादेश में हजारों छात्र सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और आरक्षण खत्म करने की मांग कर रहे हैं। बांग्लादेश में पाकिस्तान के खिलाफ 1971 युद्ध लड़ने वाले लोगों को वॉर हीरो कहा जाता है। बांग्लादेश में 30% नौकरियां इन्ही वॉर हीरो के बच्चों के लिए रिजर्व हैं। छात्रों की मांग है कि मेरिट के आधार पर नौकरियां दी जानी जाहिए।
बांग्लादेश में क्या हैं आरक्षण नियम ?
प्रधानमंत्री शेख हसीना ने 2018 में नए आरक्षण नियम लागू किए थे। इसमें स्वतंत्रता सेनानियों के बच्चों को नौकरी में 30%, पिछड़े जिलों के लिए 10%, महिलाओं के लिए 10%, अल्पसंख्यकों के लिए 5% और 1% विकलांगों को दिया गया है। इस लिहाज से सरकारी नौकरियों में 56% आरक्षण है। इसी के खिलाफ पूरे बांग्लादेश में प्रदर्शन हो रहा है।