केंद्र सरकार ने घरेलू कच्चे तेल पर अप्रत्याशित लाभ कर यानि विंडफॉल टैक्स में फिर इजाफा किया है। सरकार ने विंडफॉल टैक्स को 6 हजार रुपए प्रति टन से बढ़ाकर 7 हजार रुपए प्रति टन कर दिया है। ये नई दरें मंगलवार से लागू हो गई हैं।
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जारी की गई अधिसूचना
सरकार की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार, घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर मौजूदा विंडफॉल टैक्स 6 हजार रुपए प्रति टन से बढ़ाकर 7 हजार रुपये प्रति टन कर दिया गया है। हालांकि पेट्रोल, डीजल और विमान ईंधन (ईटीएफ) के निर्यात पर लगने वाला अतिरिक्त उत्पाद शुल्क को शून्य पर स्थिर रखा गया है।
जुलाई में बढ़ाया गया था विंडफॉल टैक्स
इससे पहले सरकार ने जुलाई में भी घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स को बढ़ाया था। सरकार ने उस समय कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स को बढ़ाकर 6 हजार रुपए प्रति टन कर दिया गया था। 15 जून को विंडफॉल टैक्स 3,250 रुपए प्रति टन थी। इस महीने विंडफॉल टैक्स में लगातार दूसरी बार बढ़ोतरी की गई है।
हर पखवाड़े होती है समीक्षा
बता दें कि घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर भारत ने पहली बार जुलाई 2022 में विंडफॉल टैक्स लगाया था। इसी तरह डीजल, पेट्रोल और विमानन ईंधन के निर्यात पर भी ड्यूटी लगाई गई थी। कई प्राइवेट रिफाइनर कंपनियां ज्यादा मार्जिन कमाने के लिए डीजल, पेट्रोल और एटीएफ का निर्यात करती हैं। सरकार ने इसे ध्यान में रखते हुए कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स और डीजल, पेट्रोल और एटीएफ पर एक्सपोर्ट ड्यूटी लगाने का फैसला लिया था। इसकी समीक्षा हर पखवाड़े में यानि हर महीने में दो बार की जाती है।