दिल्ली के बुराड़ी स्थित हिरंकी में श्रीकेदारनाथ धाम के प्रतीकात्मक मंदिर बनने को लेकर विरोध अब तेज होता नजर आ रहा है। इसको लेकर उत्तराखंड के संत समाज और विपक्षी दलों में भी नाराजगी देखने को मिल रही है।
दरअसल बीते बुधवार को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दिल्ली स्थित बुराड़ी के हिरंकी में आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया था। यहां उन्होंने बन रहे केदारनाथ धाम के प्रतीकात्मक मंदिर का भूमि-पूजन कर मंदिर का शिलान्यास किया था। कार्यक्रम में भूमि पूजन और निर्माण का कार्य देख रहा केदारनाथ धाम ट्रस्ट बुराड़ी के अध्यक्ष सुरेंद्र रौतेला ने बयान दिया, जिसपर विवाद खड़ा हो गया है। उन्होंने कहा था कि ‘जो बुजुर्ग हैं केदारनाथ नहीं जा पाते हैं, वो दिल्ली में दर्शन कर सकते हैं।’ बता दें कि इस मंदिर का मॉडल केदारनाथ मंदिर की तर्ज पर बनाया जा रहा है।
ये भी पढ़ें- जम्मू-कश्मीर के डोडा में आतंकियों से मुठभेड़, सैन्य अधिकारी समेत 5 जवान बलिदान
क्या बोला संत समाज
इस मामले में जगदगुरु अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा है कि जिस धाम को जगदगुरु आदिशंकराचार्य ने बनाया, वैसा मंदिर कहीं और कैसे बना सकता है। वहीं केदारनाथ के मुख्य पुजारी शिव शंकर लिंग ने कहा कि केदारनाथ धाम साक्षात हिमालय में बसा हुआ है। इसका अपना महत्व है। इसके बावजूद दिल्ली में जाकर केदारनाथ मंदिर का शिलान्यास करना धर्म के लिए सही नहीं है।
उत्तराखंड में विरोध प्रदर्शन
इसको लेकर उत्तराखंड में जमकर विरोध प्रदर्शन हो रहा है। केदारनाथ धाम में तीर्थ पुरोहितों, व्यापारियों एवं स्थानीय लोग अपना विरोध जता रहे हैं। ने धरना-प्रदर्शन किया. वहीं केदारघाटी के सीतापुर में केदारघाटी होटल एसोसिएशन के बैनर तले व्यापारियों ने भी प्रदर्शन किया है।
कांग्रेस ने भी साधा निशाना
उधर,, इस विरोध प्रदर्शन में अब राजनीतिक दल भी शामिल हो गए हैं। कांग्रेस नेता गणेश गोदियाल ने कहा है कि इस बात को प्रचारित किया जा रहा है कि जो व्यक्ति केदारनाथ नहीं जा पाएगा वो यहां दर्शन कर सकता है। ये हमारे हितों और हमारी आस्था पर कुठाराघात है। हम इसे स्वीकार नहीं कर रहे हैं।’