रूस से भारत के लिए एक अच्छी खबर सामने आई है। रूस एस-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम की चौथी खेप मार्च 2026 और पांचवी खेप अक्टूबर 2026 तक भारत को दे सकता है। दरअसल रूस से भारत ने पांच यूनिट एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम खरीदे थे, जिसमें से 3 यूनिट्स तो भारत आ गए थे, लेकिन बाकी की दो यूनिट कई दिनों से रुकी थी। रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते इन एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम को भारत भेजने में देरी हुई थी।
एस-400 मिसाइल सिस्टम को दुनिया की सबसे सक्षम मिसाइल प्रणाली माना जाता है। पाकिस्तान और चीन भारत के लिए हमेशा से चुनौती रहे हैं। ऐसे में भारत को एस-400 सिस्टम मिलने से भारतीय वायुसेना की ताकत में इजाफा होगा। बता दें कि फिलहाल एस-400 मिसाइल सिस्टम के ऑपरेटर्स की ट्रेनिंग पूरी हो चुकी है।
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2018 में हुई थी 5 यूनिट की डील
एस-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम के लिए साल 2018 में रूस के साथ भारत की डील हुई थी। भारत ने रूस के साथ ऐसे पांच सिस्टम खरीदने का करार किया था, जिसकी लागत 5 अरब डॉलर यानि 33,000 करोड़ रुपए है। चाहे चीन का जे-20 फाइटर प्लेन हो या फिर पाकिस्तान का अमेरिकी F-16 लड़ाकू विमान। यह मिसाइल सिस्टम सभी विमानों को नष्ट करने की ताकत रखता है।
क्या है खासियत ?
एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम एक बार में एक साथ 72 मिसाइलें छोड़ सकती है। इसकी खास बात ये है कि इसे कहीं भी मूव करना बहुत आसान है, क्योंकि इसे 8X8 के ट्रक पर चढ़ाया जा सकता है। इसकी कोई फिक्स पोजिशन नहीं होती, इसलिए इसे आसानी से डिटेक्ट नहीं किया जा सकता है। एस-400 मिसाइल सिस्टम में 4 तरह की मिसाइलें होती हैं, जिनकी रेंज 40, 100, 200 और 400 किलोमीटर तक हैं। ये सिस्टम 100 से 40 हजार फीट तक उड़ने वाले हर टारगेट को पहचान कर नष्ट कर सकता है। एस-400 मिसाइल सिस्टम का रडार अत्याधुनिक है। इसका रडार 600 किलोमीटर तक की रेंज में करीब 300 टारगेट ट्रैक कर सकता है।