गाजीपुर- रेलवे ग्रुप-D भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के विधायक बेदी राम और निषाद पार्टी के विधायक विपुल दुबे के खिलाफ कोर्ट ने गैर जमानती वारंट (NBW) जारी किया है। विशेष न्यायाधीश पुष्कर उपाध्याय ने दोनों विधायकों समेत एक दर्जन आरोपियों के अदालत में पेश न होने पर ये वारंट जारी किया। कोर्ट ने कृष्णा नगर इंस्पेक्टर को निर्देश दिए हैं कि 26 जुलाई तक गिरफ्तारी के आदेशों का पालन किया जाए।
बता दें कि सुभासपा विधायक बेदी राम, जो गाजीपुर की जखनियां सीट से निर्वाचित हैं, और निषाद पार्टी विधायक विपुल दुबे, जो भदोही की ज्ञानपुर सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं, STF ने फरवरी 2006 में दोनों को पेपर लीक मामले में गिरफ्तार किया था। इसी मामले में दोनों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट भी लगाया गया था। STF ने दावा किया था कि उनके पास से रेलवे भर्ती परीक्षा का प्रश्न पत्र बरामद हुआ था। पुलिस ने जांच के बाद चार्जशीट भी दाखिल कर दी थी।
लेकिन विधायकों की हाजिरी माफी अर्जी को कोर्ट ने खारिज कर दिया है। बेदी राम के ऊपर विभिन्न राज्यों में पेपर लीक से जुड़े कुल 9 मुकदमे दर्ज हैं, जिनमें से 8 मुकदमे पेपर लीक से संबंधित हैं। फरवरी 2022 में विधानसभा चुनाव लड़ने के दौरान दिए गए शपथ पत्र से यह जानकारी सामने आई थी।
मुकदमों का विवरण-
- 2006- लखनऊ के कृष्णा नगर में रेलवे पेपर लीक मामले में गैंगस्टर एक्ट लगाया गया।
- 2008- गोमती नगर में रेलवे पेपर लीक कराने का मुकदमा दर्ज।
- 2009- जयपुर में रेलवे भर्ती पेपर लीक मामले में FIR।
- 2010- जौनपुर के मडियाहू में पुलिस भर्ती पेपर लीक का मामला।
- 2014- लखनऊ के आशियाना में रेलवे पेपर लीक के मामले में FIR।
इन सभी मामलों में पुलिस चार्जशीट दाखिल कर चुकी है साथ ही कोर्ट में आरोप भी तय हो चुके हैं।
बेदी राम की संपत्ति कुर्क-
21 अगस्त 2014 को UP STF ने गैंगस्टर एक्ट के तहत बेदी राम की लखनऊ और जौनपुर में स्थित 8 संपत्तियों को कुर्क किया था। बेदी राम को सुभासपा अध्यक्ष और यूपी के मंत्री ओम प्रकाश राजभर का करीबी माना जाता है।
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