नई दिल्ली: दिनोंदिन अग्निपथ स्कीम को लेकर विवाद बढ़ता चला जा रहा है। लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस सहित सभी विपक्षी दलों ने अग्निवीर भर्ती को मुद्दा बनाकर मोदी सरकार को घेरा था। अब भारतीय सेना ने एक आंतरिक सर्वे कराया है। जिसमें सिफारिश की गई है कि बलिदान होने की स्थिति में अग्निवीर के परिवार को पेंशन दी जाए। साथ ही कम से कम 50 प्रतिशत अग्निवीरों को नियमित किया जाना चाहिए।
अभी तक सिर्फ 25 प्रतिशत अग्निवीरों को परमानेंट करने का प्रावधान है। साथ ही अगर ऑन ड्यूटी अग्निवीर बलिदान होता है तो इस स्थिति में परिजनों को 48 लाख रुपये का बीमा कवर व 44 लाख रुपए की अनुग्रह राशि दी जाती है। इसके अलावा 4 वर्षों में बचे हुए कार्यकाल की पूरी सैलरी और सेवा निधि दी जाती है।
अग्निपथ स्कीम को लेकर सेना का आंतरिक सर्वे
भारतीय सेना ने अग्निपथ योजना को लेकर 4 महीनों में आंतरिक सर्वे संपन्न कराया। भारतीय सेना की सभी यूनिट्स से अग्निवीरों को लेकर सलाह ली गई। जिसके बाद सिफारिश पत्र डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री अफेयर्स (DMA) को भेजा है। डीएमए के मुखिया देश के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ होते हैं।
सूत्रों का कहना है कि सिफारिश में कहा गया है कि अग्निवीर के वीरगति प्राप्त होने कि स्थिति में उसके परिवार को निर्वाह भत्ता दिया जाए। यदि देश की सेवा करते हुए अग्निवीर दिव्यांग हो जाता है तो इस स्थिति में उसे आर्थिक मदद दी जानी चाहिए। साथ ही सिफारिश में यह भी कहा गया है कि हर बैंच के कम से कम 50 प्रतिशत अग्निवीरों को परमानेंट किया जाए। टेक्निकल आर्म में अग्निवीरों की आयु सीमा को बढ़ाया जाए।
कब लागू हुई अग्निपथ स्कीम
केंद्र की मोदी सरकार ने जून 2022 को आर्मी भर्ती की नई प्रक्रिया को अपनाते हुए अग्निपथ स्कीम लागू की थी। वर्तमान में देश भर में इसी स्कीम के तहत आर्मी में भर्ती हो रही है। अग्निपथ स्कीम के तहत सेना में भर्ती हुए जवानों को अग्निवीर कहा जाता है। अग्निवीर की सेवा 4 सालों की होती है। 4 साल की सेवा पूरी करने के बाद 25 प्रतिशत अग्निवीरों को नियमित किया जाता है। बाकी 75 प्रतिशत की सेवा समाप्त हो जाती है। हालांकि, इन जवानों को सशस्त्र बलों व अन्य भर्तियों में कुछ छूट मिलती है।
अग्निवीरों को कितनी मिलती है सैलरी
अग्निवीरों की सैलरी में हर साल 10 प्रतिशत की वृद्धि की जाती है। पहले साल अग्निवीरों की सैलरी 30 हजार होती है। जिसमें से भविष्य निधि के 30 प्रतिशत यानी की 9 हजार रुपये काटे जाते हैं। इस प्रकार से पहले साल अग्निवीरों को 21 हजार रुपये इन हैंड मिलते हैं। वहीं, दूसरे साल अग्निवीरों की सैलरी में 10 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की जाती है। जिससे अग्निवीरों की सैलरी दूसरे साल 33 हजार रुपये हो जाती है। जिससे से सेवा निधि में 9,900 रुपये की कटौती की जाती है।
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लगातार 4 सालों तक इसी प्रकार 10 प्रतिशत सैलरी की बढ़ोत्तरी होती रहेगी। अंत में सेवा निधि का पैकेज 5.02 होगा। जिसमें सरकार भी इतना की अमाउंट मिलाएगी। जिसके बाद अग्निवीरों की 4 साल की सेवा समाप्त होने के बाद उन्हें 10 लाख रुपये मिलेंगे। हालांकि, अग्निवीरो के लिए अभी तक पेंशन की कोई व्यवस्था नहीं है।