उत्तर प्रदेश के 6 जिलों में बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं। यहां के 71 गांव बढ़ते जलस्तर की वजह से काफी प्रभावित हैं। दरअसल उत्तराखंड के बनबसा बैराज से छोड़े गए 3 लाख क्यूसेक पानी की वजह से यूपी के तराई और मैदानी इलाके पानी-पानी हो गए हैं। खतरे के निशान से ऊपर बह रहीं शारदा और राप्ती नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। वहीं अब प्रयागराज में भी गंगा और यमुना नदियों में पानी का लेवल बढ़ने पर प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है।
ये भी पढ़ें- कठुआ में आतंकियों की कायराना हरकत, घात लगाकर सुरक्षाबलों पर किया हमला, 5 जवान बलिदान
नेपाल सीमा से सटे इलाके बाढ़ से ज्यादा प्रभावित
नेपाल सीमा से सटे पीलीभीत, लखीमपुर, बलरामपुर, श्रावस्ती, गोंडा और कुशीनगर में बाढ़ जैसी स्थिति है। इन छह जिलों के 71 गांवों की आबादी बाढ़ से प्रभावित है। गोंडा में तीन गांवों की फसल चौपट हो गई है। घाघरा, बूढ़ी राप्ती और कुआनो समेत कई नदियों का जलस्तर भी खतरे के निशान के आसपास है। पीलीभीत की बात करें तो यहां के 20 गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है।
पीलीभीत-मैलानी रेलवे रूट पर शाहगढ़ स्टेशन व संडई हॉल्ट के बीच सकरिया नाले पर बनी पुलिया रविवार की रात में बह गई। मैलानी और टनकपुर की ओर रेल संचालन रोक दिया गया है। वहीं खटीमा पुल पर पानी खतरे के निशान से ऊपर होने के चलते टनकपुर-पीलीभीत मार्ग पर भी ट्रेन सेवा बंद कर दी गई है।
बलरामपुर, श्रावस्ती और सिद्धार्थनगर में राप्ती नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। जहां एक ओर बलरामपुर में 26 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं, तो वहीं दूसरी ओर श्रावस्ती के 18 गांव बाढ़ की चपेट में हैं। यहां एसडीआरएफ और पीएसी की टीमें लगाई गई हैं।
सिद्धार्थनगर के तमाम गांवों में पानी घुस गया है और कई सड़कें पानी में डूब गई हैं। नेपाल के कुसुम बैराज का गेट खोले जाने के बाद से जिले की बूढ़ी राप्ती, राप्ती, बानगंगा, कूड़ा व घोघी नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। सिद्धार्थनगर जिले के शाहपुर- सिंगारजोत मार्ग के बिजोरा चौराहे पर राप्ती नदी का पानी सड़क के ऊपर बह रहा है। साथ ही शोहरत गढ़ में भी बाढ़ ने तबाही मचा रखी है। उधर,, कुशीनगर में 5 गांव बाढ़ से प्रभावित बताए जा रहे हैं।