नई दिल्ली- यदि आपको भी अनजान नंबर से इंश्योरेंस कंपनी के नाम से कॉल आए तो पहले उसे वेरिफाई कर लें। अशोक विहार इलाके में एक व्यक्ति को पॉलिसी की बकाया किस्त के नाम पर साइबर ठगों ने अपना शिकार बना लिया। नॉर्थ वेस्ट जिले की साइबर थाने की पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज कर लिया है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, ठगी का शिकार हुए व्यक्ति का नाम करण है, जो अपने परिवार के साथ अशोक विहार फेज-टू में रहते हैं।
करण ने बताया कि उन्होंने एक इंश्योरेंस कंपनी की पॉलिसी ली हुई है और पॉलिसी का प्रीमियम बकाया था। कुछ दिनों पहले उन्हें एक अनजान नंबर से कॉल आया और फिर वॉट्सऐप पर संपर्क किया गया। कॉल करने वाले ने खुद को इंश्योरेंस कंपनी का एक्जिक्यूटिव बताया और पॉलिसी का बकाया प्रीमियम भरने को कहा। करण को कॉलर पर इसलिए शक नहीं हुआ क्योंकि उसने पॉलिसी के बारे में सभी सही जानकारी साझा की।
कॉलर ने करण के वॉट्सऐप पर पॉलिसी के दस्तावेज भी साझा किए, जिन पर भुगतान किया जाना था। यहां तक कि किसी तरह के शक की गुंजाइश न रहे, उसने बैंक अकाउंट की डिटेल, इंश्योरेंस खाता संख्या, और IFSC कोड के दस्तावेज भी साझा कर दिए। करण को कॉलर पर इसलिए शक नहीं हुआ क्योंकि उसने पॉलिसी के बारे में सभी सही जानकारी साझा की। कॉलर ने करण के वॉट्सऐप पर पॉलिसी के दस्तावेज भी साझा किए, जिन पर भुगतान किया जाना था।
यहां तक कि किसी तरह के शक की गुंजाइश न रहे, उसने बैंक अकाउंट की डिटेल, इंश्योरेंस खाता संख्या, और IFSC कोड के दस्तावेज भी साझा कर दिए। जिसके बाद करण को यकीन हो गया कि यह कंपनी का ही कर्मचारी है। करण ने 27 जून को अपने HDFC बैंक से यूको बैंक में 2,04,500 रुपए की प्रीमियम राशि का भुगतान किया। लेकिन अगली रात जब करण ने इंश्योरेंस कंपनी के कस्टमर केयर पर संपर्क किया, तो पता चला कि पॉलिसी का भुगतान अभी भी बकाया है।
इससे करण को शक हुआ और उन्होंने तुरंत साइबर क्राइम पोर्टल के माध्यम से रिपोर्ट दर्ज कराई। नॉर्थ वेस्ट साइबर सेल थाने की पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
साइबर पुलिस की सलाह-
– इंश्योरेंस के नाम से अनजान कॉल पर भरोसा न करें।
– कॉलर पॉलिसी पर बोनस या ब्याज न होने का लालच दे तो सावधान रहें।
– बीच-बीच में अपनी पॉलिसी का स्टेटस चेक करते रहें।
– जान लें, इंश्योरेंस कंपनी बोनस या बकाया के लिए संपर्क नहीं करती।
– आपका डेटा कई इंश्योरेंस एजेंट्स या कंपनियों की पहुंच में हो सकता है।
– फ्रॉड का शिकार होने पर अपने निकटतम साइबर पुलिस स्टेशन को कंप्लेंट करें।
– 1930 या www.cybercrime.gov.in पर रिपोर्ट करें।
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