Lifestyle:- बरसात का मौसम अपने साथ तमाम तरह की बीमारियों को लेकर आता है। जिसमें सबसे अधिक मामले डेंगू के देखने को मिलते हैं। बारिश में जगह-जगह पानी जमा हो जाता है। जिसमें डेंगू मच्छर पनपने लगते हैं। ऐसे में आपको विशेष सावधानी बरतने की जरूरत होती है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एनके शास्त्री के अनुसार बारिश के मौसम में जगह-जगह बारिश का पानी भर जाता है। जिसमें तमाम तरह के मच्छर पनपते हैं। जिसके कारण डेंगू, चिकनगुनिया जैसी तमाम बीमारियों के फैलने की संभावना बढ़ जाती है। डेंगू की बीमारी ‘एडीज मच्छर’- मच्छर के काटने से होती है।
इन मच्छर की उत्पत्ति की रोकथाम ही डेंगू से बचाव का उपाय है। बता दें, डेंगू एक वायरल बुखार है जो मुख्यतः संक्रमित एडीज एजिप्टी व एडीज एल्बोपिक्टस मच्छरों के काटने से फैलता है। यह मच्छर रूके हुए साफ पानी में पैदा होता है। ‘इसे घरेलू मच्छर’ कहते हैं। ये मच्छर आमतौर पर घर के अंदर व आसपास ही ठहरे पानी में पनपते हैं। ये मच्छर घरों के अंदर नम अंधेरे वाले स्थानों, शयन कक्षों, स्नानघरों और रसोई, सतहें दीवारें, फर्नीचर और कपड़े, तौलिए, पर्दे और मच्छरदानी वायर, रस्सी, छातों आदि जगहों को अपना निवास बना लेते हैं। मच्छरों के प्रजनन स्थल जिनका पानी खाली करना संभव नहीं है।
उनमें प्रति 100 लीटर पानी में 30 एम.एल. पेट्रोल, मिट्टी का तेल, मीठा तेल डाल देना चाहिए। ऐसा करने से मच्छरों का पनपना रूक जाता है। घर के आसपास 100 मी. के अर्ध्द व्यास में जंगली घास व झाड़ियां आदि उगने न दें! क्योंकि ये मच्छरों के लिये छिपने व आराम करने के स्थल होते हैं। इसके साथ ही अपने घरों और उसके आस-पास पानी जमा न होने दें।
इसके लिए गड्ढों को मिट्टी से भर दें! रुकी हुई नालियों को साफ कर दें! पानी से भरे रहने वाले स्थानों में प्रति सप्ताह टेमोफॉस या मिट्टी का तेल या जला हुआ, इंजन ऑईल डालें! CMHO डॉक्टर एनके शास्त्री के अनुसार सोते समय हमेशा मच्छरदानी लगाकर मच्छरदानी के अंदर सोना चाहिए। पूरी आस्तीन ढंकने वाले कपड़े पहने! शाम के समय दरवाजे, खिड़कियों को बंद कर दें!
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