चिकित्सा के क्षेत्र में एक ऐसा मामला सामने आया, जिसने सभी को हैरान कर दिया। दरअसल 40 साल के एक व्यक्ति की मुख्य श्वास नली में पिछले 8 सालों से एक सिक्का फंसा हुआ था, जिसे BHU के डॉक्टरों ने मुंह से बाहर निकालने में सफलता हासिल की। अब वो व्यक्ति बिल्कुल स्वस्थ बताया जा रहा है।
40 साल के व्यक्ति की मुख्य श्वास नली में फंसा था सिक्का
जानकारी के मुताबिक, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के चिकित्सा विभाग में इलाज के लिए पहुंचे 40 साल के एक व्यक्ति की मुख्य श्वास नली में 25 पैसे का सिक्का पिछले 8 सालों से फंसा था, जिसकी वजह से उसे काफी दिक्कत हो रही थी। तब BHU के कार्डियो थोरेसिक सर्जन और एनेस्थेसियोलॉजिस्ट की टीम ने व्यक्ति के मुंह से वो सिक्का निकालकर उसे जीवन दान दिया।
BHU के डॉ सिद्धार्थ लाखोटिया और डॉ एस के माथुर के नेतृत्व में सिक्के को शरीर से सफलतापूर्वक ऑपरेट किया गया। डॉ सिद्धार्थ ने बताया कि अक्सर छोटे उम्र में बच्चे ऐसी वस्तुओं को अपने गले में फंसा लेते हैं, लेकिन वयस्क उम्र में ऐसा कम ही दिखाई पड़ता है। उन्होंने कहा कि वयस्कों में मजबूत कफ रिफ्लेक्स की उपस्थिति के कारण वस्तुओं का श्वास नली यानि फेफड़ों तक हवा पहुंचाने वाली मुख्य नली में जाना बहुत ही असामान्य बात है।
सिक्के को श्वास नली से निकालने वाली टीम में मुख्य भूमिका निभाने वाली एनेस्थिसियोलॉजी विभाग की डॉ. अमृता ने बताया कि ऐसी प्रक्रियाओं के लिए बहुत उच्च स्तर की सटीकता की आवश्यकता होती है और थोड़ी सी भी गलती जीवन के लिए खतरा पैदा कर सकती है। इस मामले में सिक्के को निकालने के लिए एडवांस्ड रिगीद ब्रोंकोस्कोप का उपयोग किया गया था।
टीम में शामिल कार्डियोथोरेसिक सर्जन डॉ. रत्नेश ने बताया कि वयस्कों की सांस नली से वस्तुएं निकालने की यह सुविधा पूर्वी उत्तर प्रदेश में सरकारी अस्पतालों में केवल आईएमएस, बीएचयू में ही उपलब्ध है। उन्होंने यह भी कहा कि वयस्कों के मामले में यदि कोई व्यक्ति मुंह में कुछ भी रखकर सोता है या शराब और नशीली दवाओं के प्रभाव में अर्ध-चेतन अवस्था में है तो सांस की नली में जाने की संभावना बढ़ जाती है।