Lifestyle:- काफी लंबे समय से लोग चाय, कॉफी और अन्य गर्म पेय पदार्थों के उपयोग के लिए ‘पेपर कप’ या ‘डिस्पोजेबल कप’ का यूज करते आ रहे हैं। बाजारों में चाय की दुकानों पर सैकड़ों लोग रोजाना आपको इन कपों में चाय पीते दिख जाएंगे। यदि आप भी ‘पेपर कप’ में चाय पीते हैं तो सतर्क हो जाइए क्योंकि इससे कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। कई अध्ययनो में ये बाते सामने आ चुकी है कि पेपर कप में भी प्लास्टिक के कण होते हैं जो स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक हैं। कैंसर स्पेशलिस्ट डॉ. दीपेंद्र सल्लामे के अनुसार कई लोग पेपर कप में चाय पीना सुरक्षित मानते हैं जबकि पेपर कप में एक बारीक प्लास्टिक होता है।
जब इस कप में गर्म चाय डाली जाती है तो प्लास्टिक पिघलता है और एक पेपर कप में करीब 25000 माइक्रो प्लास्टिक के कण होते हैं जो सीधे चाय पीने वालों के पेट में चले जाते हैं। यदि एक व्यक्ति दिन में 4 बार चाय पीता है तो एक लाख माइक्रो कण प्लास्टिक शरीर में पहुंचते हैं, जिससे कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है। डॉक्टर दीपेंद्र सल्लामे के अनुसार चाय पीने के लिए सबसे सुरक्षित स्टील या कांच के गिलास होते हैं। जो व्यक्ति बार-बार चाय पीते हैं तो वो हर बार कांच के गिलास का उपयोग करें। स्टील या तांबे के ग्लास का भी उपयोग कर सकते हैं इससे आपके शरीर में नुकसान पहुंचाने वाले कण नहीं पहुंच सकेंगे। और आप सुरक्षित भी रहेंगे।
प्लास्टिक और स्याही से होता है कैंसर-
डॉ. दीपेंद्र सल्लामे ने बताया कि कैंसर होने का सबसे बड़ा कारण प्लास्टिक होता है। आजकल के समय में लोग खाने-पीने में प्लास्टिक के बर्तनों का अधिक उपयोग करते हैं, जिससे माइक्रो कण हमारे शरीर में पहुंचते हैं। इसी प्रकार देखा गया है कि कई दुकानों में अखबार के कागजों में खाने की चीज परोसी जाती है या पैक कर दे दी जाती है। जिसकी स्याही तेल के माध्यम से खाने में पहुंचती है जो हमारे शरीर को सबसे अधिक नुकसान पहुंचाती है। इसलिए आपको अखबार के कागजों में भी खाने की चीजों का उपयोग नहीं करना चाहिए।
यह भी पढ़ें:- सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा- स्कूल चलो अभियान और संचारी रोग नियंत्रण अभियान की सफलता सामूहिक जिम्मेदार