बाबा बर्फानी के भक्तों का इंतजार अब खत्म होने वाला है। श्री अमरनाथ यात्रा के लिए श्रद्धालुओं का पहला जत्था जम्मू से शुक्रवार तड़के रवाना हुआ। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने अमरनाथ बेस कैंप में पूजा-अर्चना के बाद झंडी दिखाई। सभी श्रद्धालु कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच कश्मीर में आधार शिविर पहलगाम और बालटाल के लिए रवाना हुए। वहीं इस बीच मौसम विभाग ने 28 जून से 10 जुलाई तक बारिश की संभावना भी जताई है।
इस खास मौके पर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा पर बात करते हुए कहा कि पिछले 3-4 वर्षों में यात्रा के लिए काफी इंतजाम किए गए हैं। इस बार भी जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने सभी जरूरी इंतजाम किए हैं और सुरक्षा बढ़ाई गई है।
ये भी पढ़ें- उत्तराखंड में भारी बारिश की चेतावनी, चारधाम यात्रियों को सावधानी बरतने के दिए गए निर्देश!
सुरक्षा के कड़े इंतजाम
शुक्रवार 28 जून को बेस कैंप भगवती नगर से पहला जत्था बालटाल और पहलगाम के लिए रवाना हुआ। 29 जून को ये यात्रा शुरू होगी। यात्रा मार्ग पर सुरक्षाबलों की तैनाती बढ़ा दी गई है। इसके साथ ही ड्रोन और सीसीटीवी कैमरों से यात्री वाहनों पर नजर रखी जा रही है। जम्मू-श्रीनगर हाइवे पर हर 500 मीटर और एक किलोमीटर की दूरी पर सुरक्षा चौकियां स्थापित की गई हैं।
यात्रा से पहले हुई बैठक
उधर, उपराज्यपाल ने पहलगाम में अधिकारियों के साथ बैठक कर यात्रा प्रबंधों का जायजा लिया और जरूरी निर्देश भी दिए। यात्रा को हरी झंडी दिखाने से एक दिन पहले यानी 27 जून को उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने ये मीटिंग की, जिसमें सुनिश्चित किया गया कि यात्रा के दौरान हर तरह की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम हो।
साढ़े तीन लाख से ज्यादा लोगों ने कराया है रजिस्ट्रेशन
मौसम ने साथ दिया तो इस वर्ष रिकार्ड यात्रा होने का अनुमान लगाया जा रहा है। 28 जून से 19 अगस्त तक चलने वाली श्री अमरनाथ यात्रा के लिए साढ़े तीन लाख से ज्यादा यात्रियों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। इसके अलावा बिना रजिस्ट्रेशन के आ रहे श्रद्धालुओं के लिए तत्काल पंजीकरण भी जारी है। इसके लिए पहले टोकन मिल रहा है और उसके बाद तत्काल पंजीकरण होगा।
बिना RFID कार्ड के नहीं मिलेगा प्रवेश
श्रद्धालुओं को RFID कार्ड (रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन कार्ड) के बिना आधार शिविर यात्री निवास में प्रवेश की इजाजत नहीं है। इसके लिए भगवती नगर, रेलवे स्टेशन, पहलगाम, बालटाल सहित कई जगह काउंटर लगाए गए हैं। ये कार्ड यात्रा पर जाने की तिथि से एक दिन पहले श्रद्धालुओं को दिए जा रहे हैं। इस कार्ड के जरिए श्रद्धालुओं की लोकेशन का पता चल पाएगा।