नई दिल्ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज गुरुवार को राज्यसभा और लोकसभा के संयुक्त सत्र को संबोधित किया। उन्होंने अपने संबोधन की शुरुआत 18वीं लोकसभा के सभी नव निर्वाचित सदस्यों शुभकामनाएं देकर किया। राष्ट्रपति ने कहा कि आप सभी यहां मतदाताओं का भरोसा जीतकर आए हैं। देश सेवा और जन सेवा का मौका बहुत कम लोगों को मिलता है।
लोकसभा चुनाव में महिलाओं ने बढ़-चढ़कर किया मतदान-राष्ट्रपति
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने भारत के समृद्ध लोकतंत्र व लोकसभा चुनाव का जिक्र करते हुए कहा कि ये दुनिया का सबसे बड़ा चुनाव था। करीब 64 करोड़ मतदाताओं ने उत्साह के साथ अपना कर्तव्य निभाया है। इस लोकसभा चुनाव में महिलाओं ने बढ़-चढ़कर मतदान किया। लोकसभा चुनाव की बहुत सुखद तस्वीर जम्मू-कश्मीर से भी सामने आई। कश्मीर घाटी में मतदान के अनेक दशकों के रिकॉर्ड टूटे हैं।
CAA कानून के तहत शरणार्थियों को नागरिकता दी जा रही-राष्ट्रपति
राष्ट्रपति ने कहा कि मेरी सरकार ने CAA कानून के तहत शरणार्थियों को नागरिकता देना शुरू कर दिया है। इससे बंटवारे से पीड़ित अनेक परिवारों के लिए सम्मान का जीवन जीना तय हुआ है। जिन परिवारों को CAA के तहत नागरिकता मिली है, मैं उनके बेहतर भविष्य की कामना करती हूं। साथ ही सरकार ने PM किसान सम्मान निधि के तहत देश के किसानों को 3 लाख 20 हजार करोड़ रुपए से अधिक की राशि प्रदान की है। मेरी सरकार के नए कार्यकाल की शुरुआत से अब तक 20,000 करोड़ रुपए से अधिक की राशि किसानों को हस्तांतरित की जा चुकी है।
कृषि के क्षेत्र में सरकार ने ऐतिहासिक कार्य किए- राष्ट्रपति
कृषि के क्षेत्र में सरकार द्वारा किए गए कार्यों का जिक्र करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार ने खरीफ फसलों के लिए MSP में भी रिकॉर्ड बढ़ोतरी की है। आज का भारत अपनी वर्तमान जरूरतों को ध्यान में रखते हुए, कृषि व्यवस्था में बदलाव कर रहा है। आजकल दुनिया में जैविक उत्पादों की मांग तेजी से बढ़ रही है। भारतीय किसानों के पास इस मांग को पूरा करने की पूरी क्षमता है, इसलिए सरकार प्राकृतिक खेती और इससे जुड़े उत्पादों की सप्लाई चेन को सशक्त कर रही है।
6 दशकों बाद पूर्ण बहुमत वाली स्थिर सरकार बनी-राष्ट्रपति
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि देश में छह दशक के बाद पूर्ण बहुमत वाली स्थिर सरकार बनी है। लोगों ने इस सरकार पर तीसरी बार भरोसा जताया है। लोग जानते हैं कि सिर्फ यही सरकार उनकी आकांक्षाओं को पूरा कर सकती है। उन्होंने कहा कि 18वीं लोकसभा कई मायनों में ऐतिहासिक है। इस लोकसभा का गठन अमृतकाल के शुरुआती वर्षों में हुआ था। यह लोकसभा देश के संविधान को अपनाने के 56वें वर्ष की भी साक्षी बनेगी। आगामी सत्रों में यह सरकार अपने कार्यकाल का पहला बजट पेश करने जा रही है। यह बजट सरकार की दूरगामी नीतियों और भविष्य के विजन का प्रभावी दस्तावेज होगा। इस बजट में कई ऐतिहासिक कदम देखने को मिलेंगे।
आपातकाल संविधान पर सबसे बड़ा हमला-राष्ट्रपति
इमरजेंसी को लेकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने अभिभाषण में कहा कि भारत के संविधान पर आपातकाल सबसे बड़ा हमला था। इमरजेंसी के चलते 1975 में पूरे देश में हाहाकार मच गया था, जो 1977 तक जारी रहा। इस अवधि के दौरान नागरिकों के अधिकारियों को छीन लिया गया। लेकिन, हम संकल्प लेते हैं कि संविधान की रक्षा करेंगे।